एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया)
एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन एडिलेड में स्निकोमीटर (स्निक्को) को लेकर विवाद जारी रहा। इंग्लैंड के विकेटकीपर-बल्लेबाज जेमी स्मिथ से जुड़े दो अहम फैसलों में तकनीक की भूमिका पर सवाल उठे, जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने इसे “अब तक की सबसे खराब तकनीक” करार दिया।
स्निक्को पहले दिन से ही चर्चा का केंद्र बना हुआ है। पहले दिन एलेक्स कैरी को 72 रन पर नॉटआउट दिए जाने को लेकर विवाद हुआ था। इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने कैच की जोरदार अपील की थी, जिसके बाद फैसला थर्ड अंपायर के पास गया। स्निक्को में एक स्पाइक दिखाई दी, लेकिन अंपायर ने इसे बल्ले से पहले की आवाज बताते हुए कैरी को नॉटआउट करार दिया। इसके बाद कैरी ने अपना पहला एशेज शतक जड़ दिया, जिससे इंग्लैंड को भारी नुकसान हुआ।
दूसरे दिन 44वें ओवर में पैट कमिंस की गेंद पर जेमी स्मिथ के दस्ताने से गेंद लगने का संदेह हुआ, जो स्लिप में उस्मान ख्वाजा के हाथों में गई। मैदानी अंपायर नितिन मेनन ने फैसला थर्ड अंपायर को भेजा। हालांकि, स्निक्को में कोई स्पष्ट स्पाइक नहीं दिखी और थर्ड अंपायर क्रिस गैफेनी ने गेंद को दस्ताने से नहीं बल्कि हेलमेट से टकराने वाला मानते हुए स्मिथ को नॉटआउट दिया।
इसके अगले ही ओवर में कमिंस की गेंद पर स्मिथ पुल शॉट खेलने की कोशिश में एलेक्स कैरी के हाथों कैच आउट हो गए। इस बार स्निक्को में गेंद बल्ले को पार करने के बाद स्पाइक दिखी, जिसे पर्याप्त मानते हुए स्मिथ को आउट करार दिया गया।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान स्टंप माइक पर मिचेल स्टार्क कहते सुने गए, “स्निक्को को हटा देना चाहिए, यह सबसे खराब तकनीक है।”मैच के बाद एलेक्स कैरी ने भी माना कि पहले दिन उनकी बल्लेबाजी के दौरान बल्ले के पास से गेंद गुजरते वक्त हल्की आवाज आई थी, लेकिन स्निक्को सही तस्वीर नहीं दिखा पाया। बाद में तकनीक मुहैया कराने वाली कंपनी बीबीजी स्पोर्ट्स ने स्वीकार किया कि उस समय गलत स्टंप माइक चुना गया था और इस गलती की पूरी जिम्मेदारी ली।