यूरोप में अप्रवासन को लेकर गलतफहमी गहरी, अधिकांश लोग प्रवासियों को ‘अवैध’ मानते हैं

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 18-12-2025
Misconceptions about immigration run deep in Europe, with most people considering immigrants to be
Misconceptions about immigration run deep in Europe, with most people considering immigrants to be "illegal."

 

लंदन

यूरोप के कई देशों में अप्रवासन को लेकर जनमत तेजी से सख्त होता जा रहा है। हाल ही में सात यूरोपीय देशों में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि बड़ी संख्या में यूरोपीय नागरिक यह मानते हैं कि उनके देशों में रहने वाले अधिकांश प्रवासी ‘अवैध’ हैं, जबकि आधिकारिक आंकड़े इस धारणा का समर्थन नहीं करते।

वैश्विक शोध एजेंसी यूगोव (YouGov) द्वारा कराए गए इस सर्वे में ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन और पोलैंड के नागरिकों की राय ली गई। सर्वे के मुताबिक, इन देशों में 44 से 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनके यहां अनियमित (अवैध) प्रवासियों की संख्या नियमित प्रवासियों की तुलना में “काफी अधिक” या “कुछ अधिक” है।

हालांकि, यूरोपीय देशों के आधिकारिक आंकड़े इससे अलग तस्वीर पेश करते हैं। 2023 के एक अध्ययन के अनुसार, फ्रांस में रहने वाले कुल प्रवासियों में से केवल 21 प्रतिशत ही ऐसे थे जो किसी न किसी समय अनियमित या ‘अवैध’ स्थिति में रहे। इसके बावजूद जनमानस में प्रवासियों को लेकर आशंकाएं और नाराज़गी बढ़ती जा रही है।

पोलैंड में किए गए सर्वे में 36 प्रतिशत लोगों ने माना कि उनके देश में अनियमित प्रवासी अधिक हैं, जबकि 28 प्रतिशत ने कहा कि नियमित प्रवासियों की संख्या ज्यादा है। वहीं 22 प्रतिशत लोगों का मानना है कि दोनों की संख्या लगभग बराबर है।

सर्वेक्षण में शामिल सभी सात देशों में अधिकांश लोगों ने अप्रवासियों की संख्या कम करने के पक्ष में राय दी। कई देशों में नागरिकों ने अप्रवासियों के लिए अवसरों को सीमित करने और यहां तक कि बड़े पैमाने पर निष्कासन का भी समर्थन किया। पोलैंड में 49 प्रतिशत लोग अप्रवासियों के अवसर सीमित करना चाहते हैं, जबकि जर्मनी में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत तक पहुंच गया।

करीब 46 से 53 प्रतिशत लोगों ने नए अप्रवासन को पूरी तरह रोकने का समर्थन किया, जबकि 64 से 82 प्रतिशत नागरिकों ने नए अप्रवासियों की संख्या बढ़ाने का विरोध किया।

जब यह पूछा गया कि किन प्रवासियों को निर्वासित किया जाना चाहिए, तो 78 से 91 प्रतिशत यूरोपीय नागरिकों ने कानून या नियम तोड़ने वालों को प्राथमिकता दी। 73 से 85 प्रतिशत लोग अवैध प्रवासियों के निष्कासन के पक्ष में थे, जबकि 66 से 85 प्रतिशत ने बिना वैध वर्क वीजा के अकुशल काम करने वालों को बाहर भेजने का समर्थन किया।

इसके उलट, नियमों का पालन करने वाले शरणार्थियों, विदेशी छात्रों और उच्च कौशल वाले पेशेवरों को लेकर निष्कासन के प्रति लोगों की रुचि काफी कम रही। डॉक्टरों जैसे पेशों को सबसे अधिक सम्मान मिला।

सर्वे में यह भी सामने आया कि अपेक्षाकृत कम लोग इस बात से सहमत थे कि अप्रवासन को कम करने के बजाय “करदाताओं की संख्या बढ़ाने”, “आर्थिक विकास” या “अंतरराष्ट्रीय मानवीय जिम्मेदारियों” को प्राथमिकता दी जाए।

अप्रवासन के प्रभाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में 56 से 75 प्रतिशत लोगों ने अनियमित अप्रवासन को नकारात्मक बताया। नियमित अप्रवासन को लेकर राय बंटी हुई दिखी। इस मामले में स्पेन सबसे सकारात्मक रहा, जहां 42 प्रतिशत लोग नियमित अप्रवासन के पक्ष में थे। वहीं फ्रांस और जर्मनी में सबसे ज्यादा नकारात्मक रुख देखने को मिला।

सर्वे एजेंसी के अनुसार, “यह साफ है कि अनियमित प्रवासन की तुलना में नियमित प्रवासन कहीं अधिक है, लेकिन केवल यह तथ्य जान लेने से लोगों का आक्रोश कम नहीं होगा।” एजेंसी का कहना है कि अप्रवासन को लेकर चिंताएं अब केवल आर्थिक तर्कों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि पहचान, समावेशन और राष्ट्रीय मूल्यों से जुड़ी गहरी आशंकाओं से भी जुड़ गई हैं।