तेहरान
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि यदि अमेरिका वास्तव में ईरान के साथ सहयोगात्मक संबंध चाहता है, तो उसे इज़राइल के प्रति अपना समर्थन समाप्त करना होगा और मध्य पूर्व से अपनी सैन्य मौजूदगी खत्म करनी होगी।
सोमवार को तेहरान में आयोजित एक कार्यक्रम में खामेनेई ने कहा, “अमेरिका स्वभाव से आक्रामक देश है और आत्मसमर्पण के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करता। फिर भी, हम सहयोग पर विचार कर सकते हैं, लेकिन शर्त यह है कि अमेरिका ज़ायोनी शासन (इज़राइल) का समर्थन बंद करे, अपने सैन्य अड्डे मध्य पूर्व से हटा ले और क्षेत्रीय मामलों में दखल देना बंद करे।”
उन्होंने कहा कि यदि वाशिंगटन इन शर्तों को मानता है, तो ईरान अमेरिका के साथ सहयोगात्मक संबंधों पर “गंभीरता से विचार” करेगा।1979 की इस्लामी क्रांति के बाद अमेरिका ने ईरान से अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे, और तब से दोनों देशों के बीच तनाव कायम है। बीते दशकों में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम, मिसाइल विकास और क्षेत्रीय प्रभाव जैसे मुद्दों पर कई बार टकराव हुआ है।
इस साल जून में भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और इज़राइल के साथ तनाव बढ़ा था। खामेनेई के नवीनतम बयान से यह स्पष्ट है कि तेहरान अब भी वाशिंगटन से किसी भी संवाद या सहयोग को कड़े राजनीतिक और रणनीतिक शर्तों के तहत ही संभव मानता है।

                                        



                                
                                    
                                    
                                    
                                    
                                
                                
                                
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