रेयाद
ग़ज़ा सरकार के मीडिया कार्यालय ने शनिवार (22 नवंबर) को आरोप लगाया कि इज़राइली कब्ज़ाधारियों ने अमेरिका की मध्यस्थता से लागू किए गए युद्धविराम का कम से कम 497 बार उल्लंघन किया है।10 अक्टूबर को इज़राइली सेना और फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध संगठन हमास के बीच युद्धविराम समझौता लागू हुआ था, लेकिन शुरुआत से ही यह बेहद नाजुक स्थिति में था। ग़ज़ा मीडिया कार्यालय का कहना है कि 44 दिनों के इस युद्धविराम के दौरान इज़राइल ने लगभग पाँच सौ बार नियमों को तोड़ा, जिसकी वजह से सैकड़ों फ़िलिस्तीनी मारे गए, जिनमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है।
केवल शनिवार को ही इज़राइल ने 27 बार युद्धविराम का उल्लंघन किया, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई और 87 घायल हुए। मीडिया कार्यालय ने कहा कि ये कार्रवाइयाँ न केवल मानवीय अधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि स्वयं युद्धविराम समझौते में निर्धारित मानवीय प्रोटोकॉल को भी पूरी तरह ध्वस्त कर देती हैं।
युद्धविराम लागू हुए डेढ़ महीना हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद इज़राइल ने अब तक ग़ज़ा में पूर्ण मानवीय सहायता की अनुमति नहीं दी है। समझौते के मुताबिक हर दिन 600 ट्रक सहायता ग़ज़ा में प्रवेश करने थे, लेकिन वास्तविकता यह है कि औसतन 150 या उससे कम ट्रक ही अंदर जा पा रहे हैं।
इज़राइल ने कल दावा किया कि हमास के एक सदस्य ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए उसके सैनिकों पर गोली चलाई, लेकिन हमास के राजनीतिक ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य इज़्ज़त अल-रिश्क ने इस दावे को झूठ बताते हुए कहा कि इज़राइल ऐसे आरोपों के पीछे छिपकर “ग़ज़ा के लोगों को खत्म करने के नए बहाने” खोज रहा है। उन्होंने इज़राइल को चुनौती दी कि वह उस तथाकथित हमास सदस्य की पहचान सार्वजनिक करे।
अल जज़ीरा के पत्रकार तारेक अबू आज़म ने ग़ज़ा सिटी से रिपोर्ट करते हुए कहा कि युद्धविराम “सिर्फ़ काग़ज़ों में मौजूद है, ज़मीन पर नहीं।” उनके अनुसार, समझौता लागू होने के बावजूद इज़राइल कभी भी, किसी भी समय, हवाई हमले करने से नहीं रुक रहा।
स्रोत: अल जज़ीरा