ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी तीन दिनी दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-04-2024
 Ebrahim Raisi reach Pakistan
Ebrahim Raisi reach Pakistan

 

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी सोमवार को तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे. आगमन पर, रायसी का स्वागत संघीय आवास और निर्माण मंत्री मियां रियाज हुसैन पीरजादा और ईरान में पाकिस्तान के राजदूत राजदूत मुदस्सिर टीपू ने स्वागत किया.

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरानी राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें विदेश मंत्री और कैबिनेट के अन्य सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, ‘‘राष्ट्रपति रायसी का पाकिस्तान में एक व्यापक कार्यक्रम है, जो पाकिस्तान-ईरान संबंधों की गहराई और चौड़ाई को दर्शाता है. वह पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री, सीनेट के अध्यक्ष और नेशनल असेंबली के स्पीकर से मुलाकात करेंगे.’’

यात्रा के दौरान, रायसी का लाहौर और कराची का दौरा करने और वहां के प्रांतीय नेतृत्व से मिलने का भी कार्यक्रम है. विदेश मंत्रालय ने खुलासा किया कि पीएम कार्यालय में पीएम शहबाज और रायसी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद, दोनों देशों द्वारा कई समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति जरदारी ऐवान-ए-सद्र में अपने ईरानी समकक्ष के सम्मान में भोज का आयोजन करेंगे.

रायसी का पाकिस्तान के अपने हाई-प्रोफाइल दौरे के हिस्से के रूप में लाहौर जाने का कार्यक्रम है, जहां उनके पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और राज्यपाल बालीघुर रहमान से मुलाकात करने की उम्मीद है. द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी नेता बाद में कराची में सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह और गवर्नर कामरान टेसोरी से भी मुलाकात करेंगे.

हालांकि, ईरानी राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका उनकी यात्रा पर कड़ी नजर रखेगा, जो ईरान और इजराइल के बीच तनाव से मेल खाता है. रायसी कराची में रहेंगे और बुधवार को तेहरान लौटेंगे. हाई-प्रोफाइल यात्रा के कारण प्रांतीय अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं और 23 अप्रैल को कराची में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है.

गौरतलब है कि ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन ईरान के साथ कुछ प्रमुख सुरक्षा मुद्दों पर पाकिस्तान की सहनशीलता का एक प्रमुख कारण बनी हुई है. पाइपलाइन एक पुराना विचार है, लेकिन कार्यान्वयन बहुत बाद में शुरू हुआ, जब आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति के रूप में अपना पहला कार्यकाल पूरा करने वाले थे. ईरान ने अपने हिस्से का निर्माण कर लिया है, लेकिन सऊदी अरब के दबाव और अमेरिकी प्रतिबंधों के कमजोर होने के जोखिम के कारण पाकिस्तान अपने हिस्से पर आगे बढ़ने से झिझक रहा है.

लेखक मुहम्मद अमीर राणा ने डॉन के लिए अपने लेख में लिखा है कि

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का संयोजन एक साथ काम कर रहा है और सऊदी अरब और ईरान को संतुलन में रख सकता है. हालांकि, लेखक का कहना है कि तेहरान संभवतः इस्लामाबाद के लिए एक चुनौती बना रह सकता है.

 

 

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