नई दिल्ली
भारत और मध्य एशिया के देशों ने गुरुवार को अफगानिस्तान में बढ़ते सुरक्षा संकट और खासकर पाकिस्तान के साथ उसके तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। सभी पक्षों ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया।
यह चर्चा किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में आयोजित तीसरी भारत-मध्य एशिया शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक के दौरान हुई, जिसमें भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह पाकिस्तानी सेना द्वारा काबुल पर हवाई हमले किए गए थे, जिससे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष शुरू हो गया। हालांकि, बुधवार को दोनों देशों के बीच अस्थायी संघर्षविराम पर सहमति बनी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि बिश्केक में हुई इस बैठक में आतंकवाद, कट्टरपंथ, उग्रवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा हुई।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, “सभी भागीदार देशों ने अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता को पूरे क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। साथ ही, अफगानिस्तान के साथ संपर्क, आर्थिक विकास और सहयोग को बढ़ावा देने पर भी सहमति जताई गई, जो दीर्घकालिक स्थिरता का आधार बन सकता है।”
एनएसए अजीत डोभाल ने बैठक के दौरान किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति सदर नूरगोजोविच झापारोव से भी मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिवों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं भी कीं।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अफगानिस्तान की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय चिंता लगातार बढ़ रही है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत और मध्य एशिया के देशों के बीच रणनीतिक सहयोग और संवाद को और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।