नई दिल्ली,
भारत और अफगानिस्तान ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में सहयोग को मजबूत करने को लेकर अहम बातचीत की। अफगानिस्तान के जन स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली ने केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव से मुलाकात कर शिक्षा, अनुसंधान, नियमन और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में आपसी सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
आयुष मंत्रालय ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह बैठक पारंपरिक चिकित्सा पर आयोजित दूसरे डब्ल्यूएचओ ग्लोबल समिट के इतर हुई। बातचीत में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी सहित पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया।
मंत्रालय के अनुसार, इस संवाद के दौरान दोनों देशों ने पारंपरिक चिकित्सा को समग्र और जन-केंद्रित स्वास्थ्य देखभाल का एक महत्वपूर्ण स्तंभ मानते हुए उसे बढ़ावा देने की साझा प्रतिबद्धता दोहराई।
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी अफगान मंत्री जलाली के साथ एक उपयोगी बैठक की, जिसमें अफगानिस्तान को मानवीय और स्वास्थ्य सहायता पर चर्चा हुई। भारत ने अफगानिस्तान को निरंतर मानवीय समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें दवाओं की दीर्घकालिक आपूर्ति और स्वास्थ्य सहायता को द्विपक्षीय संबंधों का प्रमुख आधार बताया गया।
इस अवसर पर कैंसर की दवाओं और टीकों का प्रतीकात्मक हस्तांतरण किया गया। इसके अलावा, अफगानिस्तान की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए दवाओं और टीकों की एक बड़ी खेप तथा 128-स्लाइस सीटी स्कैनर भी भेजा जा रहा है।
यह बैठक अफगान जन स्वास्थ्य मंत्री की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान हुई, जो दोनों देशों के बीच निरंतर मानवीय और स्वास्थ्य सहयोग को दर्शाती है।






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