क्या पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 07-08-2021
क्या पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है?
क्या पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है?

 

वसीम अब्बासी /  इस्लामाबाद
   
पीटीआई सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं और ऐसा लगता है कि पार्टी चुनावी मोड में है. सिंध में बड़े राजनीतिक नामों के साथ प्रधानमंत्री की बैठकों और सिंध के विशेष सहायक के रूप में सिंध के पूर्व मुख्यमंत्री अरबब गुलाम रहीम की नियुक्ति के बाद, पीपीपी ने भी प्रांतीय मंत्रिमंडल का विस्तार करके जवाबी कार्रवाई की है.
 
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चुनाव में जीत और सियालकोट में उपचुनाव में आश्चर्यजनक जीत के बाद सत्ता पक्ष ने राजनीतिक क्षेत्र में आक्रामक तरीके से खेलना शुरू कर दिया है.खैबर पख्तूनख्वा में भी तीन प्रांतीय मंत्रियों की बर्खास्तगी से पता चलता है कि इमरान खान अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर संगठित कर रहे हैं.
 
कुछ दिन पहले, प्रधानमंत्री इमरान खान ने अचानक सिंध के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ अरबाब गुलाम रहीम को सिंध मामलों के लिए अपना विशेष सहायक नियुक्त किया. इसके बाद सिंध में प्रख्यात राजनीतिक शख्सियत डॉ. सफदर अब्बासी के साथ प्रधानमंत्री की मुलाकात और पीटीआई द्वारा पूर्व प्रांतीय मंत्री जुल्फिकार मिर्जा से किए गए संपर्कों ने भी राजनीतिक उथल-पुथल को बढ़ा दिया है.
 
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के राजनीतिक सचिव नाहिद सफदर के पति डॉ सफदर अब्बासी सिंध के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं.उनके भतीजे मोअज्जम अब्बासी अभी भी लरकाना से एमपीए हैं, जबकि उनकी मां और पूर्व डिप्टी स्पीकर नेशनल असेंबली बेगम अशरफ अब्बासी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के संस्थापकों में से एक हैं.
 
पिछले कुछ हफ्तों में सिंध में पीटीआई पूरी तरह से सक्रिय हो गई है. इस संबंध में, इमरान इस्माइल के नेतृत्व में सिंध का गवर्नर हाउस राजनीतिक संपर्कों का केंद्र है.गवर्नर हाउस के सूत्रों के मुताबिक, पीटीआई सिंध के शहरी इलाकों में अपना आधार स्थापित कर ग्रामीण सिंध में अपना राजनीतिक प्रभाव बढ़ाना चाहती है.
 
इस संबंध में पार्टी उन राजनीतिक हस्तियों और स्थानीय दावेदारों पर नजर रखे हुए है, जिनके चुनाव जीतने की संभावना प्रांत की सत्ताधारी पार्टी पीपीपी के उम्मीदवारों से ज्यादा है.पीटीआई में शामिल होने के लिए डॉ. सफदर अब्बासी के अलावा नौशेरो फिरोज जिले के जटोई परिवार, घोटकी के मेहर परिवार और बादिन के डॉ. जुल्फिकार मिर्जा से भी संपर्क किया गया है.
 
याद रहे कि उनमें से ज्यादातर पीटीआई के सहयोगी ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) के हैं .सिंध की राजनीति पर नजर रखने वाले पत्रकार सोहेल सांगी ने इस संबंध में बात करते हुए कहा कि दो कारण हैं कि एक राजनीतिक दल के रूप में पीटीआई अब सिंध में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रही है.‘
 
एक प्रारंभिक आम चुनाव है और दूसरा स्थानीय सरकार के चुनाव हैं. इस लिहाज से पार्टी को चुनावी तैयारियों के लिए मजबूत उम्मीदवारों की जरूरत है, जिनसे संपर्क किया जा रहा है.इस सवाल पर कि अपने सहयोगी में क्यों खुदाई कर रही है? सोहेल सांगी ने कहा कि जीडीए का नेतृत्व अब छोटे पीर साहिब यानी पीर पगरा पीर सिबगतुल्लाह शाह के पास है, जिनका राजनीतिक प्रभाव उनके पिता की तरह नहीं है, इसलिए पार्टी उनसे दूर जा रही है.
 
दूसरी ओर, पीटीआई के खिलाफ बगावत करने वाले जहांगीर तरीन ने हाल में अपने रिश्तेदार पीर पगारा से मुलाकात की है, जिससे पता चलता है कि तारीन समूह अब पीर पगारा के साथ जाना चाहता है, जबकि बाकी पीटीआई जीडीए को एकीकृत करना चाहता है.
 
राजनीतिक विश्लेषक रसूल बख्श रईस का कहना है कि सिंध में पीपीपी 40 साल से सत्ता में है, इसलिए भुट्टो के समर्थन के बावजूद ग्रामीण इलाकों में इसकी लोकप्रियता घट रही है.
 
इसका फायदा उठाकर पीटीआई की रणनीति एमक्यूएम से हाथ मिला कर शहरी इलाकों में पीपीपी का सफाया करने की है, जबकि ग्रामीण इलाकों में पीपीपी सिंध के बुजुर्गों से हाथ मिलाकर वैकल्पिक रास्ता मुहैया कराएगी.‘‘यह आम चुनाव की तैयारी के बारे में है क्योंकि जब सरकारें तीन साल पूरे करती हैं, तो वे अगले चुनाव के बारे में सोचना शुरू कर देती हैं,‘‘ 
 
सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सिंध में पीटीआई की बढ़ती गतिविधियों से अनजान नहीं है, इसीलिए पार्टी ने सूचना के लिए अपने विशेष सहायक मुर्तजा वहाब को कराची शहर प्रशासक नियुक्त किया है ताकि शहरी क्षेत्रों में पार्टी को और अधिक संगठित किया जा सके.वहीं सिंध प्रांत की कैबिनेट में 15 नए विशेष सहायक और चार मंत्रियों की घोषणा की गई है.
 
इसी घोषणा के तहत सिंध सरकार ने पहली बार चार जिलों कराची, हैदराबाद और सुक्कुर को भी विशेष सहायता प्रदान की.