ओटावा([कनाडा)
जी7 सदस्य देश—कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ—तथा सहयोगी सदस्य देशों ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को ईरान द्वारा विदेशी धरती पर राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने और सीमा-पार दमनात्मक कार्रवाइयों की बढ़ती कोशिशों की कड़ी निंदा की।
जी7 रैपिड रिस्पॉन्स मैकेनिज्म (RRM) ने अपने बयान में कहा, “जी7 आरआरएम हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा जारी उन बयानों पर ध्यान देता है, जिनमें ईरान की सीमा-पार दमनात्मक गतिविधियों और अन्य दुर्भावनापूर्ण कार्रवाइयों की निंदा की गई है।”
बयान में कहा गया कि “ईरानी खुफिया एजेंसियों ने विदेशों में राजनीतिक विरोधियों की हत्या, अपहरण और उत्पीड़न की कोशिशें तेज कर दी हैं। यह चिंताजनक और अस्वीकार्य पैटर्न है, जो अन्य देशों की संप्रभुता को खुलकर चुनौती देता है। अन्य हानिकारक गतिविधियों में पत्रकारों की निजी जानकारी हासिल करना और उजागर करना, समाजों को बांटने की साजिशें और यहूदी समुदायों को डराने-धमकाने जैसे हमले शामिल हैं। जी7 आरआरएम उन अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ एकजुटता जताता है, जिनके नागरिकों और निवासियों को भी ईरान ने निशाना बनाया है।”
जी7 आरआरएम ने आगे कहा, “अपनी स्थापना से ही हमारा उद्देश्य विदेशी हस्तक्षेप का मुकाबला करना रहा है। सीमा-पार दमन पर हाल ही में जारी जी7 नेताओं के बयान को आधार बनाते हुए, हम अपनी संप्रभुता की रक्षा जारी रखेंगे, अपने समुदायों को सुरक्षित रखेंगे और उन व्यक्तियों की रक्षा करेंगे जिन्हें विदेशी सरकारें चुप कराने, डराने-धमकाने, नुकसान पहुंचाने या दबाव बनाने की कोशिश करती हैं।”
कनाडा की सीबीसी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की शुरुआत में कनाडा की एक सार्वजनिक जांच में ईरान को उन देशों में से एक बताया गया था, जो कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप में शामिल पाए गए। जांच में खुलासा हुआ कि ईरान कनाडाई-ईरानी मूल के निवासियों के बीच सीमा-पार दमनात्मक गतिविधियां कर रहा था।
जनवरी 2024 में, अमेरिकी न्याय विभाग ने दस्तावेज़ उजागर किए थे, जिनमें दावा किया गया था कि दो कनाडाई नागरिक ईरानी खुफिया सेवाओं के लिए अमेरिका में हत्याओं की साजिश रच रहे थे। इन आरोपियों पर मैरीलैंड में रह रहे एक पुरुष और महिला को गोली मारने की योजना बनाने का आरोप था, जिनमें से एक ईरान से भागकर आया हुआ शरणार्थी था।