नई दिल्ली
इथियोपिया में करीब 12,000 साल बाद सक्रिय हुए हेलीगुब्बी ज्वालामुखी के राख के गुबार ने वैश्विक हवाई यातायात को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इसी खतरे को ध्यान में रखते हुए भारतीय विमानन नियामक DGCA ने सोमवार को एयरलाइंस और हवाई अड्डों के लिए विस्तृत एडवाइजरी जारी की है।
ज्वालामुखी से उठे राख के बादल उड़ानों के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, राख का गुबार पश्चिमी भारत की दिशा में बढ़ रहा है, जिससे भारत आने–जाने वाली कई उड़ानों पर असर पड़ा है।
राख के चलते सोमवार को अकासा एयर, इंडिगो और KLM ने मध्य पूर्व व यूरोप के रूट पर कुछ उड़ानें रद्द कर दीं।
अकासा एयर ने जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए 24 और 25 नवंबर की उड़ानें रद्द करते हुए कहा कि स्थिति का मूल्यांकन अंतरराष्ट्रीय सलाहों के मुताबिक किया जा रहा है।
इंडिगो ने X पर लिखा कि हेलीगुब्बी ज्वालामुखी की राख पश्चिमी भारत की ओर बढ़ रही है। उन्होंने यात्रियों को आश्वस्त किया कि “यात्री सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और टीमें अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ निरंतर स्थिति की निगरानी कर रही हैं।”
KLM ने भी एम्सटर्डम से दिल्ली आने वाली उड़ान रद्द की है।
• एयरलाइंस को राख से प्रभावित क्षेत्रों और ऊँचाई वाले फ्लाइट-लेवल्स से पूरी तरह बचने का निर्देश।
• उड़ान योजना, रूटिंग और ईंधन प्रबंधन में तुरंत बदलाव करने की सलाह।
• किसी भी ‘Ash Encounter’—जैसे इंजन पर असर, धुआं, बदबू आदि—की तुरंत रिपोर्टिंग अनिवार्य।
• यदि राख हवाई अड्डे पर गिरती है, तो रनवे, टैक्सीवे और एप्रन की तत्काल जांच।
• रनवे पर राख मिलने पर उड़ान संचालन रोककर सफाई के बाद ही दोबारा उड़ानें शुरू करने का नियम।
• सैटेलाइट इमेजरी और मौसम संबंधी डाटा के ज़रिए लगातार स्थिति की निगरानी करने का निर्देश।