भारत सीमा के पास चीन ने तेज की सैन्य ढांचा निर्माण गतिविधियाँ

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-11-2025
China intensifies military infrastructure construction activities near the India border
China intensifies military infrastructure construction activities near the India border

 

नई दिल्ली,

डोकलाम (2017) और गलवान (2020) जैसी टकराव स्थितियों की तुलना में भले ही मौजूदा भारत–चीन सीमा तनाव अपेक्षाकृत शांत दिखता हो, लेकिन चीन ने तिब्बत में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास सैन्य अवसंरचना का विस्तार लगातार जारी रखा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) सीमा क्षेत्रों में सड़कें, हवाई पट्टियाँ, लॉजिस्टिक केंद्र और कनेक्टिविटी को तेज़ी से उन्नत कर रही है।

उच्च-ऊंचाई यूएवी परीक्षण केंद्र

चीन ने हाल ही में तिब्बत में लगभग 4,300 मीटर की ऊंचाई पर एक नया ड्रोन परीक्षण केंद्र बनाया है। 720 मीटर रनवे, चार हैंगर और प्रशासनिक इमारतों वाले इस केंद्र का उद्देश्य अत्यधिक ऊंचाई और मौसम की चुनौतियों में यूएवी परीक्षण करना है। यह केंद्र नगरी PLA लॉजिस्टिक हब के दक्षिण-पूर्व में स्थित है।

उच्च हिमालय में PLA की चुनौतियाँ

तिब्बती पठार का कठिन भूगोल और मौसम सैन्य संचालन को जटिल बनाते हैं। नए तैनात सैनिकों को ऊंचाई बीमारी से राहत के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है। वाहनों को गराज में गर्म रखना पड़ता है, हेलिकॉप्टरों की उड़ानें सीमित रहती हैं, और भोजन तथा पानी की सप्लाई बड़े पैमाने पर क़िंगहाई से सड़क मार्ग द्वारा करनी पड़ती है।

अनुसंधान रिपोर्टों से खुलासे

अमेरिकी एयर फ़ोर्स की CASI रिपोर्ट (2025) के अनुसार हाल के वर्षों में तिब्बत में सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क का विस्तार PLA की लॉजिस्टिक क्षमता को तेज़ी से बढ़ा रहा है। 2012 से 2023 के बीच तिब्बत का राजमार्ग नेटवर्क लगभग दोगुना हो गया है। ORF की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार G-314 और G-684 राजमार्गों के साथ-साथ G-695 और G-216 मार्ग PLA को विभिन्न सेक्टरों में तेज़ी से बल परिवर्तन की सुविधा देते हैं।

पैंगोंग झील पर दो पुल

चीन ने पैंगोंग त्सो पर 2021 से 2024 के बीच दो रणनीतिक पुल बनाए, जिनसे PLA को सैनिकों और उपकरणों की आवाजाही में कई घंटे की बचत होगी।

विकसित होती एयर और रेल कनेक्टिविटी

2017–2023 के बीच तिब्बत और शिनजियांग में 37 सैन्य/द्वि-उपयोग हवाई ठिकाने बनाए गए। वहीं 2035 तक तिब्बत में 5,000 किमी रेललाइन का लक्ष्य रखा गया है।

600 से अधिक ‘सीमा गांव’

2018–2022 के बीच चीन ने 624 सीमा गांव बनाए, जिन्हें विशेषज्ञ PLA की सैन्य–नागरिक समेकन रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

विश्लेषकों की चेतावनी

विशेषज्ञों के अनुसार चीन तंत्रबद्ध तरीके से भविष्य के भारत–चीन सीमा संघर्षों की तैयारी कर रहा है। ORF के शोधकर्ता राजीव लाठर का कहना है कि भारत को अपनी सीमा अवसंरचना में तेजी लानी होगी, अन्यथा स्थिति चीन के पक्ष में स्थायी सामरिक बदलाव ला सकती है।