कीव/मॉस्को
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक बार फिर ड्रोन हमलों की तीव्रता बढ़ गई है। दोनों देशों ने शुक्रवार को एक-दूसरे के ठिकानों को निशाना बनाते हुए लंबी दूरी तक मार करने वाले सैकड़ों ड्रोन तैनात किए। इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया है कि रूस तुर्किये के इस्तांबुल में सीधे शांति वार्ता के नए दौर के लिए तैयार है।
पुतिन ने बेलारूस दौरे के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रूसी और यूक्रेनी अधिकारी संभावित वार्ता के समय और स्वरूप को लेकर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युद्धविराम की शर्तें — जिन्हें क्रेमलिन पहले खारिज करता रहा है — अब वार्ता के एजेंडे का हिस्सा हो सकती हैं।
हालांकि जमीनी हकीकत में युद्ध रुकने के संकेत अब भी नज़र नहीं आ रहे हैं। अमेरिका और यूरोपीय साझेदारों की मध्यस्थता से चल रहे अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयास अब तक बेअसर साबित हुए हैं। हाल ही में इस्तांबुल में दोनों पक्षों के बीच दो दौर की बैठकें भी बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गईं।
यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने कहा कि अब समय आ गया है कि वार्ता का अगला चरण सीधे राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और पुतिन के बीच हो।
इस बीच, यूक्रेनी सेना ने बताया कि गुरुवार रात और शुक्रवार तड़के रूसी सेना ने 363 ड्रोन और 8 मिसाइलें दागीं, जिनमें ईरानी-निर्मित शाहिद ड्रोन और कई डिकॉय ड्रोन शामिल थे। यूक्रेनी वायु सेना ने दावा किया कि इनमें से 359 ड्रोन या तो मार गिराए गए या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निष्क्रिय कर दिए गए, जबकि छह क्रूज़ मिसाइलों को भी नष्ट कर दिया गया।
दूसरी ओर, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने रातभर 39 ड्रोन हमले किए, जिनमें से 19 ड्रोन रोस्तोव और 13 वोल्गोग्राद क्षेत्र में मार गिराए गए। ये दोनों क्षेत्र यूक्रेन की पूर्वी सीमा के पास स्थित हैं।
इस दौरान, यूक्रेनी हमलों के चलते रूस के तीन प्रमुख हवाई अड्डों से उड़ानें अस्थायी रूप से रोक दी गईं। क्रीमिया क्षेत्र में हुए हमलों के कारण प्रसिद्ध क्रीमिया ब्रिज को भी कुछ घंटों के लिए बंद करना पड़ा।
हालांकि, दोनों देशों ने अब तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान या हताहतों की सूचना नहीं दी है। लेकिन यह स्पष्ट है कि ड्रोन और मिसाइल युद्ध अब दोनों देशों के बीच चल रही लड़ाई को और अधिक तकनीकी और खतरनाक बना रहे हैं।
यह युद्ध अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और अब यह संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक हथियारों के परीक्षण और कूटनीतिक प्रयासों की परीक्षा में तब्दील हो चुका है।