संयुक्त राष्ट्र,
दुनिया के सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक देश चीन ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए 2035 तक अपने कार्बन उत्सर्जन में सात से दस प्रतिशत की कटौती करने का नया लक्ष्य घोषित किया है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब विश्व के 100 से अधिक नेता संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान जलवायु संकट और कार्बन उत्सर्जन पर मजबूत कार्रवाई की आवश्यकता पर विचार करने के लिए एकत्र हुए हैं।
चीन ने इस लक्ष्य को अपने ऊर्जा और पर्यावरण नीतियों में बदलाव के तहत प्रस्तुत किया है। देश ने पिछले कुछ वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा और हरित तकनीकों में निवेश बढ़ाया है और अब यह कटौती 2035 तक औद्योगिक, परिवहन और ऊर्जा उत्पादन क्षेत्रों में प्रभावी उपायों के माध्यम से प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने महासभा के दौरान नेताओं के साथ विशेष बैठक आयोजित कर जलवायु मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की। उनका उद्देश्य वैश्विक नेताओं को उत्सर्जन कम करने के लिए ठोस और तत्काल कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के इस नए लक्ष्य का वैश्विक स्तर पर बड़ा असर पड़ेगा क्योंकि यह दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा, चीन के कदम से अन्य बड़े देशों को भी उत्सर्जन घटाने और जलवायु संरक्षण के उपायों में तेजी लाने की प्रेरणा मिल सकती है।
आगामी ब्राजील में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जलवायु बैठकों से पहले यह घोषणा वैश्विक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि चीन अपने पर्यावरणीय दायित्वों को गंभीरता से ले रहा है और जलवायु संकट से निपटने में अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है।