British Prime Minister's visit to India from Wednesday, focus will be on trade and investment relations
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की बुधवार से शुरू होने वाली भारत की पहली आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग समेत समग्र द्विपक्षीय साझेदारी पर बातचीत होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर होने वाली इस दो-दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों नेता भारत-ब्रिटेन समग्र रणनीतिक साझेदारी के सभी पहलुओं का आकलन ‘विजन 2035’ को ध्यान में रखते हुए करेंगे। इस 10-वर्षीय रोडमैप पर जुलाई में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के साथ सहमति जताई गई थी।
मुख्य रूप से 'समग्र आर्थिक एवं व्यापारिक समझौता' (सीईटीए) मोदी और स्टार्मर की द्विपक्षीय वार्ता के केंद्र में होगा। यह समझौता ब्रिटिश संसद का अनुमोदन मिलने के बाद 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क हटाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ 100 से अधिक व्यापारिक नेताओं, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और सांस्कृतिक प्रमुखों का एक प्रतिनिधिमंडल भी भारत दौरे पर जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल व्यापार, निवेश, शिक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश करेगा।
इस प्रतिनिधिमंडल में ब्रिटिश तेल कंपनी बीपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मरे ऑकिनक्लॉस भी शामिल हैं। यह इस साल की उनकी तीसरी भारत यात्रा होगी जो बीपी की नजर में भारतीय बाजार की अहमियत को दर्शाती है।
यूके-इंडिया बिजनेस काउंसिल के प्रमुख और इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रिचर्ड हील्ड ने कहा, "ब्रिटेन-भारत गलियारा वैश्विक स्तर पर सबसे आशाजनक आर्थिक संबंधों में से एक है। हम नवाचार, अवसर और आपसी महत्वाकांक्षा पर आधारित इसकी निरंतर वृद्धि का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं।"
विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टार्मर की यह यात्रा रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। भारत और ब्रिटेन की नौसेनाएं इस समय अरब सागर में संयुक्त अभ्यास 'कोंकण' में जुटी हुई हैं। इससे दोनों देशों के रक्षा, तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी के अवसर भी चर्चा में आएंगे।
इस यात्रा के दौरान दोनों नेता मुंबई में आयोजित 'ग्लोबल फिनटेक फेस्ट' को संबोधित करेंगे। इस दौरान पिछले साल शुरू की गई भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (टीएसआई) के तहत दूरसंचार, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग पर जोर दिया जाएगा।
ब्रिटिश एयरवेज के सीईओ सीन डॉएल ने कहा है कि एयरलाइन अपने उड़ानों के नेटवर्क का विस्तार कर भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी बनाएगी। फिलहाल एयरलाइन दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई से साप्ताहिक 56 उड़ानें संचालित करती है।
ब्रिटेन के व्यवसाय एवं व्यापार विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत और ब्रिटेन के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल व्यापार लगभग 44.1 अरब पाउंड है।
जुलाई में एफटीए पर हस्ताक्षर के बाद यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।