बांग्लादेश : चिन्मय कृष्ण दास को राहत नहीं, जमानत याचिका खारिज

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-12-2024
Bangladesh: No relief to Chinmay Krishna Das, bail plea rejected
Bangladesh: No relief to Chinmay Krishna Das, bail plea rejected

 

ढाका. बांग्लादेश की एक अदालत ने बुधवार को पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज कर दी. बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता दास को देशद्रोह के आरोप गिरफ्तार किया गया था.  

स्थानीय मीडिया ने बताया कि चटगांव मेट्रोपोलिटन सेशन जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने बुधवार को यह आदेश पारित किया. उन्होंने कहा कि याचिका इसलिए खारिज कर दी गई क्योंकि दास के पास अपनी ओर से किसी वकील का लेटर ऑफ अटॉर्नी नहीं था.

इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि उनके वकील सुभाशीष शर्मा सुरक्षा कारणों से 3 दिसंबर को सुनवाई में शामिल नहीं हो सके.

देश के प्रमुख बंगाली दैनिक प्रथम आलो की रिपोर्ट के अनुसार, "चटगांव मेट्रोपॉलिटन सेशन जज कोर्ट के लोक अभियोजक पीपी मोफिजुल हक भुइयां ने बताया कि राज्य पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि वकील रवींद्र घोष, ने दास की ओर से केस लड़ने के लिए कोई पावर ऑफ अटॉर्नी नहीं दी थी." घोष ने चिन्मय की अग्रिम जमानत की सुनवाई के लिए आवेदन दिया था.

रिपोर्ट के मुताबिक चिन्मय के वकील सुभाशीष शर्मा भी मौजूद नहीं थे. सुभाशीष ने केस लड़ने के लिए रवींद्र घोष को लिखित में कुछ भी नहीं दिया. बाद में, अदालत ने वकील रवींद्र घोष द्वारा किए गए आवेदन को खारिज कर दिया.

यह पता चला कि मामले में दो अन्य आरोपियों की जमानत पर सुनवाई भी बुधवार को होनी थी, लेकिन वकील की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई नहीं हो सकी.

भारत ने उम्मीद जताई है कि सुनवाई 'निष्पक्ष और पारदर्शी' होगी, क्योंकि गिरफ्तार किए गए हिंदुओं के पास कानूनी अधिकार हैं, जिनका सम्मान किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली ने ढाका में अंतरिम सरकार के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बार-बार अपील की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पिछले महीने कहा था, "अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. हम चरमपंथी बयानबाजी, हिंसा और उकसावे की बढ़ती घटनाओं से चिंतित हैं. इन घटनाक्रमों को केवल मीडिया की अतिशयोक्ति के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता. हम एक बार फिर बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आह्वान करते हैं."

सोमवार को ढाका की अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन के साथ अपनी बैठकों के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से जुड़ी चिंताओं से ढाका को अवगत कराया था.