बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड ने अराकान आर्मी के आरोपों को किया खारिज

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 30-09-2025
Bangladesh Border Guard denies Arakan Army's allegations
Bangladesh Border Guard denies Arakan Army's allegations

 

ढा(बांग्लादेश)

बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB) ने सोमवार को म्यांमार के विद्रोही संगठन अराकान आर्मी (AA) द्वारा लगाए गए उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि बांग्लादेश ARSA (अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी) और RSO (रोहिंग्या सॉलिडेरिटी ऑर्गनाइजेशन) जैसे रोहिंग्या उग्रवादी संगठनों का समर्थन कर रहा है।

अराकान आर्मी की राजनीतिक शाखा यूनाइटेड लीग ऑफ अराकान (ULA) ने हाल ही में यह आरोप लगाया था। इसके जवाब में BGB ने सोमवार देर रात एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा:"ये आरोप भ्रामक हैं। BGB का ARSA या RSO से कोई संबंध नहीं है। इसके विपरीत, BGB ने हमेशा इन उग्रवादी गतिविधियों को समाप्त करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें शीर्ष नेता अता उल्लाह जुनुनी भी शामिल हैं। यह स्पष्ट करता है कि BGB इन संगठनों को खतरा मानता है, न कि सहयोगी।"

BGB ने यह भी बताया कि उन्होंने सीमा क्षेत्र में अवैध हथियारबंद व्यक्तियों को हटाने और उनकी उपस्थिति को समाप्त करने के लिए लगातार अभियान चलाया है।"BGB का मुख्य उद्देश्य है राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था बनाए रखना और 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों के बोझ का प्रबंधन करना। म्यांमार में 2023 के अंत में संघर्षविराम टूटने के बाद से BGB ने नदी और पहाड़ी सीमा क्षेत्रों में गश्त तेज कर दी है। घुंडुम और बांदरबन-कोक्स बाजार बेल्ट में सैनिकों की तैनाती की गई है, जो छह-छह घंटे की शिफ्ट में लगातार निगरानी कर रहे हैं।"

BGB ने बताया कि सीमा सील करने के लिए अतिरिक्त हथियारों, आपूर्ति और सैनिकों के साथ पूरी तैयारी की गई है ताकि तस्करों और उग्रवादियों के प्रवेश के रास्ते बंद किए जा सकें।

इसके साथ ही BGB ने माइंस प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाए हैं, खतरे के इलाकों को लाल झंडों से चिह्नित किया गया है और पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता और चिकित्सा शिविरों के माध्यम से मदद दी गई है।

बयान में ULA के आरोपों को लेकर BGB ने पलटवार करते हुए कहा:"जहां ULA BGB पर आरोप लगा रहा है, वहीं अराकान आर्मी खुद उत्तरी मौंगडॉ में संकटों का सामना कर रही है। लंबा संघर्ष, नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्तता, लूट के संसाधनों को लेकर अंदरूनी झगड़े और मानसिक थकान ने उनकी ताकत को कमजोर कर दिया है। कई लड़ाके भाग चुके हैं। संगठन अब अन्य जातीय समूहों से जबरन भर्ती कर रहा है, लेकिन भाषा की बाधा, इलाके की जानकारी की कमी और युद्ध लड़ने की अनिच्छा के कारण ये प्रयास विफल हो रहे हैं।"

भूखमरी की स्थिति और सीमापार रोहिंग्या नागरिकों का पलायन भी इस समस्या को और जटिल बना रहा है।"एक मामले में तो AA का एक लेफ्टिनेंट भी भागकर बांग्लादेश में आत्मसमर्पण कर चुका है, जो संगठन की कमजोरी का प्रमाण है। अराकान आर्मी न केवल रोहिंग्या बल्कि मरो और टंचांग्या जैसे छोटे जातीय समूहों पर भी अत्याचार कर रही है। यहां तक कि रखाइन समुदाय के वे लोग जो जबरन वसूली नहीं करते, उन्हें भी धमकाया जा रहा है।"

BGB ने कहा कि वे लगातार ARSA और RSO के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, उनके उगाही नेटवर्क को तोड़ रहे हैं और नशीली दवाओं की तस्करी को रोक रहे हैं।"हमारे पास खुफिया जानकारी है कि घुसपैठ म्यांमार की ओर से होती है, न कि बांग्लादेश से। इसके अलावा, सीमा पर AA द्वारा लगाए गए बारूदी सुरंगों की मौजूदगी यह साबित करती है कि ARSA का बांग्लादेश से संचालन संभव नहीं है।"

अंत में BGB ने कहा:"हम ULA के इस प्रचार को पूरी तरह खारिज करते हैं कि हमारा ARSA या RSO से कोई संबंध है। ये झूठे आरोप AA के अपने अत्याचार और भेदभावपूर्ण कृत्यों को छुपाने की कोशिश हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन सच्चाइयों को समझना चाहिए, दोषियों को जवाबदेह ठहराना चाहिए और रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित, स्वैच्छिक और गरिमामय वापसी की परिस्थितियां बनानी चाहिए। BGB अपनी मानवीय जिम्मेदारियों और सीमा सुरक्षा को आगे भी पूरी निष्ठा से निभाता रहेगा।"