न्यूयॉर्क/वॉशिंगट
अमेरिका ने जी-7 देशों से अनुरोध किया है कि वे रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर शुल्क लगाएं। अमेरिका का कहना है कि केवल सामूहिक और सशक्त कदमों से ही मॉस्को की युद्ध मशीन को मिलने वाले आर्थिक स्रोतों को रोका जा सकता है।
अमेरिका ने यह भी कहा कि इस कदम से रूस पर इतना दबाव बनाया जा सकेगा कि वह अपनी "बेवजह की हत्याएं" बंद करे।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि राजदूत जैमीसन ग्रीर ने शुक्रवार को जी-7 के वित्त मंत्रियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अपील साझा की कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर शुल्क लगाया जाए।
कनाडा के वित्त और राष्ट्रीय राजस्व मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शैम्पेन ने इस बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें रूस पर और अधिक दबाव डालने और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के उपायों पर चर्चा की गई।
जी-7 में अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन शामिल हैं। इस वर्ष इसकी अध्यक्षता कनाडा कर रहा है।
अमेरिकी वित्त विभाग के बयान में कहा गया, "आज की बैठक में विदेश मंत्री बेसेंट ने राष्ट्रपति ट्रंप का संदेश दोहराया कि यदि जी-7 देश वास्तव में यूक्रेन युद्ध समाप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर शुल्क लगाने में अमेरिका का साथ देना चाहिए।"
हालांकि बयान में किसी देश का नाम नहीं लिया गया, लेकिन अमेरिका अक्सर भारत और चीन पर रूस से तेल आयात करने का आरोप लगाता रहा है। इसके बावजूद उसने अब तक चीन पर कोई शुल्क नहीं लगाया है।