इस्लामाबाद. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने सोमवार को पुष्टि की है कि उनका टॉप कमांडर अफगानिस्तान में एक बमबारी में मारा गया है. समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक, अब्दुल वली मोहमंद, जिसे उमर खालिद खोरासानी के नाम से भी जाना जाता है, अमेरिकी विदेश विभाग की वॉन्टेड लिस्ट में था. अमेरिकी अधिकारियों ने उसके ठिकाने की जानकारी देने पर 3 मिलियन डॉलर तक का इनाम रखा था.
टीटीपी के मुताबिक, रविवार को खोरासानी के वाहन को पाकिस्तान से लगी सीमा पर अफगान प्रांत पक्तिका में बम से निशाना बनाया गया. काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले के ठीक एक हफ्ते बाद अल कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी के मारे जाने की खबर सामने आई थी और अब इस खबर के ठीक एक हफ्ते बाद हुई बमबारी में खोरासानी के मारे जाने की पुष्टि की गई है. खोरासानी अल कायदा के संस्थापक नेता ओसामा बिन लादेन और अल-जवाहिरी के करीबी माना जाता था.
एक समय पर, खुरासानी ने टीटीपी से अलग होकर अपना खुद का समूह जमात उल अहरार बना लिया था. उसके इस समूह ने पाकिस्तान में सबसे घातक हमलों को अंजाम दिया, जिसमें 2016 में पूर्वी शहर लाहौर में हुए बम विस्फोट शामिल था. इस हमले में ईस्टर रविवार को अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के कम से कम 75 लोग मारे गए थे.
खोरासानी ने बाद में जमात उल अहरार को भंग कर दिया और कई अलग-अलग समूहों को जोड़कर फिर से टीटीपी में शामिल हो गया. पिछले दो महीनों से इस्लामाबाद और टीटीपी के बीच संबंध बेहद नाजुक बने हुए है. इसको लेकर हक्कानी नेटवर्क द्वारा मध्यस्थता कर रहा है, ताकि शांति वार्ता हो सके. टीटीपी ने लगभग दो दशकों की हिंसा में लगभग 80,000 पाकिस्तानियों को मार डाला है.