नई दिल्ली
यमन के हूती विद्रोहियों ने इज़राइल पर मिसाइल हमला किया है। यह हमला इज़राइल द्वारा यमन के रणनीतिक महत्व वाले होदेइदाह बंदरगाह पर किए गए घातक हवाई हमले के जवाब में किया गया। इज़राइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने दावा किया है कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली मिसाइल को रोकने की कोशिश कर रही है।
मंगलवार (16 सितंबर) को इज़राइल ने यमन के सबसे अहम बंदरगाह होदेइदाह पर भारी बमबारी की। हमले से पहले इज़रायली सेना ने बंदरगाह खाली करने का आदेश दिया और उसके बाद कम से कम 12 मिसाइलें और बम दागे। इज़रायली सेना ने बयान जारी कर कहा कि हूती विद्रोही इस बंदरगाह का इस्तेमाल ईरान से हथियारों की सप्लाई के लिए करते हैं, जिन्हें बाद में इज़राइल के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जाता है।
होदेइदाह बंदरगाह यमन की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम है और पूरी तरह नागरिक उपयोग के लिए है। हूती विद्रोहियों का कहना है कि इज़राइल ने जानबूझकर नागरिकों की परेशानियां बढ़ाने के लिए इस बंदरगाह को निशाना बनाया है।
इज़राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने यमन पर और हमलों की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ये हमले हूती विद्रोहियों पर नौसैनिक और हवाई नाकाबंदी बनाए रखने के लिए किए जा रहे हैं। काट्ज़ ने साफ कहा कि हूतियों को ऐसे हमलों की “भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
2023 में हमास और इज़राइल के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से हूती विद्रोही लगातार फ़िलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाते रहे हैं। उन्होंने इज़राइल पर कई ड्रोन और मिसाइल हमले किए और लाल सागर में इज़राइली जहाज़ों की आवाजाही पर रोक लगाई।
दो हफ़्ते पहले भी इज़राइल ने यमन में बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए थे, जिनमें विद्रोही सरकार के प्रधानमंत्री समेत 12 मंत्री मारे गए थे। वहीं, पिछले हफ़्ते हुए हमलों में कम से कम 31 पत्रकारों की मौत हुई।
स्रोत: टाइम्स ऑफ इज़राइल