हरियाणा के मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र को, जो नीति आयोग की पिछड़े जिलों की सूची में शामिल है, आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए पसमांदा विकास फाउंडेशन ने एक अनूठा अभियान छेड़ा है. इस अभियान को ‘तालीम जिहाद’ का नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य मदरसों में दीनी तालीम के साथ-साथ कंप्यूटर और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना है. इस मुहिम की शुरुआत मेवात के फिरोजपुर झिरका से हुई, जहाँ फाउंडेशन ने एक भव्य आयोजन कर मदरसों के सैकड़ों बच्चों को मुफ्त शिक्षा किट वितरित किए और उन्हें आधुनिक शिक्षा का महत्व समझाया.
पसमांदा विकास फाउंडेशन के डायरेक्टर मोहम्मद मेराज राईन का स्पष्ट मानना है कि किसी भी समुदाय की तरक्की बिना आधुनिक शिक्षा के संभव नहीं है. इसी सोच के साथ, फिरोजपुर झिरका में ‘क़ौमी तालीमी बेदारी’ नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर मेवात क्षेत्र के पाँच प्रमुख इस्लामिक मदरसों के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को शैक्षिक किट दिए गए. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़कर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाना था.
सैकड़ों छात्रों को मिली शिक्षा किट, दिखी नई उम्मीद
इस पहल में शामिल मदरसों में मदरसा मारिफुल ऊलूम मोहमदिया कूबड़ा बास रावली, फातिमा मकतब बड़ी मस्जिद शाहपुर, मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया, जामिया दारूल कुरान मोहम्मदया फिरोजपुर झिरका और मदरसा महूं शामिल थे.
इन मदरसों के छात्रों ने इस पहल में बड़े उत्साह के साथ भाग लिया. आधुनिक शिक्षा के लिए मिली किट पाकर उनके चेहरों पर एक नई उम्मीद की खुशी साफ झलक रही थी.कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए फिरोजपुर झिरका के एसडीएम लक्ष्मी नारायण ने बच्चों का हौसला बढ़ाया.
उन्होंने कहा कि आज के समय में केवल धार्मिक शिक्षा ही काफी नहीं है, बल्कि तकनीकी और कंप्यूटर शिक्षा भी बेहद जरूरी है. उन्होंने मदरसों के मौलानाओं से आह्वान किया कि वे बच्चों को इस दिशा में प्रेरित करें ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट और जज जैसे उच्च पदों तक पहुँच सकें और एक बेहतर जीवन जी सकें.
एसडीएम ने यह भी अपील की कि सभी मदरसों का पंजीकरण कराया जाए, ताकि छात्र सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ उठा सकें. उन्होंने बताया कि हरियाणा और भारत सरकार दोनों मदरसों के बच्चों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही हैं, जिनसे शिक्षा के स्तर में सुधार हो सकता है.
अतिथियों का सम्मान और फाउंडेशन के प्रयास
इस मौके पर पसमांदा विकास फाउंडेशन की उलेमा टीम के सदर मुफ्ती वसीम अकरम क़ासमी, सरपस्त क़ारी असजद जुबैर, सैय्यद फर्रूख सेर-गाइडेंस बोर्ड, अशरफ खान, हसीन फातिमा, ज़फर मिर्जा, मो० मुशर्रफ, मो० समीर और सरफराज आलम ने भी बच्चों को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि फाउंडेशन पूरे भारत में जरूरतमंद बच्चों तक शैक्षिक किट और कंप्यूटर सेट पहुँचाकर शिक्षा की अलख जगा रहा है. पसमांदा विकास फाउंडेशन शिक्षा और जागरूकता के अलावा आर्थिक सशक्तिकरण, कानूनी सहायता, स्वास्थ्य-स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास जैसे कई क्षेत्रों में भी काम कर रहा है.
कार्यक्रम के अंत में, मुख्य अतिथि एसडीएम लक्ष्मी नारायण का पगड़ी बांधकर, मोमेंटो और शॉल भेंटकर सम्मान किया गया. संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि एसडीएम की उपस्थिति से उनका हौसला बढ़ा है, और एसडीएम ने फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए भविष्य में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया.
‘तालीमी जिहाद’ की सख्त जरूरत
पसमांदा विकास फाउंडेशन के डायरेक्टर मोहम्मद मेराज राईन ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय में हर घर में 'तालीम जिहाद' की सख्त जरूरत है. उन्होंने कहा कि कुरान की शिक्षा के साथ-साथ कंप्यूटर शिक्षा भी बेहद जरूरी है, तभी समाज, समुदाय और देश का भला हो सकेगा.
उन्होंने आगे कहा कि पसमांदा विकास फाउंडेशन पूरे भारतवर्ष में ‘क़ौमी तालीम’ को लेकर जाएगा, क्योंकि दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम भी बेहद जरूरी है. उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को ऐसे मदरसों में पढ़ाएँ जहाँ आधुनिक और तकनीकी शिक्षा भी दी जाती हो.
बेटियों की शिक्षा पर विशेष जोर
फाउंडेशन की महिला डायरेक्टर निकहत परवीन ने विशेष रूप से बेटियों की शिक्षा पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अक्सर समाज में बेटियों की शिक्षा को नजरअंदाज किया जाता है, जबकि बेटियाँ दो घरों को रोशन करती हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि बेटियों को बोझ न समझा जाए और उनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाए.
इस कार्यक्रम में सेवानिवृत्त एसपी मोहम्मद इशाक खान, हरियाणा पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष नरेश गर्ग, मेवात विकास सभा अध्यक्ष फकरुदीन चेयरमैन अखनाका, वरिष्ठ समाजसेवी व पत्रकार फजरुदीन बेसर, डॉ. अशफाक आलम, पब्लिक हेल्थ विभाग के एसडीओ वली मोहम्मद सहित सैकड़ों बच्चों, मौलानाओं और शिक्षकों ने भाग लिया.
कार्यक्रम के अंत में, बच्चों ने शैक्षिक किट पाकर अपनी खुशी जाहिर की और पसमांदा विकास फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की. स्थानीय लोगों ने भी संस्था द्वारा किए गए इस काम को एक "ऐतिहासिक पहल" बताते हुए धन्यवाद दिया. इस तरह, पसमांदा विकास फाउंडेशन ने मेवात क्षेत्र में शिक्षा की दिशा में एक और मिसाल कायम की और यह साबित किया कि सही दिशा में किए गए छोटे प्रयास भी समाज को एक बड़ी और सकारात्मक राह दिखा सकते हैं.