सांसद नुसरत जहां के बेटे के पिता का हुआ खुलासा, जानें कैसे

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 16-09-2021
नुसरत जहां
नुसरत जहां

 

कोलकाता. बंगाली अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां के नवजात बेटे के पिता का नाम का खुलासा हो गया है. कोलकाता नगर निगम की वेबसाइट पर शिशु के जन्म प्रमाण पत्र पर उसका नाम यिशान जे. दासगुप्ता लिखा हुआ है, जिससे सारे अटकलों पर विराम लग गया है.

यिशान का जन्म 26अगस्त को हुआ था.

अपने पति निखिल जैन के साथ बहुप्रचारित मनमुटाव के बाद नुसरत बंगाली अभिनेता यश दासगुप्ता को डेट कर रही हैं.

हाल ही में मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने अपने नवजात बच्चे के पिता के बारे में बात का जिक्र किया, और कहा, “मुझे लगता है कि यह एक अस्पष्ट सवाल है और एक महिला के रूप में किसी के चरित्र पर एक काला धब्बा लगाना है. पिता जानता है कि पिता कौन है और हम एक साथ एक अच्छा पैरेंटहुड क्षण बिता रहे हैं. मैं और यश, हम एक अच्छा समय बिता रहे हैं.”

बुधवार की रात अपलोड किए गए ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र में पिता का नाम देबाशीष दासगुप्ता बताया गया है. हालांकि जन्म प्रमाण पत्र में यश का कोई उल्लेख नहीं था, लेकिन देबाशीष, जिन्होंने हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हुगली जिले के चंडीताला से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और हार गए, यश दासगुप्ता का आधिकारिक नाम है.

35वर्षीय दासगुप्ता नुसरत के साथ अस्पताल जाते रहे हैं. पिछले हफ्ते नुसरत और यश कोलकाता नगर निगम गए थे.

सूत्रों ने कहा कि माना जा रहा था कि दोनों कोविड-19वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने आए थे, लेकिन हो सकता है कि यह जन्म प्रमाण पत्र को लेकर यहां आए हों.

नुसरत, जो उत्तर 24परगना के बशीरहाट से टीएमसी सांसद हैं, ने संसद में उल्लेख किया था कि उनकी शादी निखिल जैन से हुई थी, लेकिन हाल ही में उन्होंने दावा किया कि यह केवल एक लिव-इन रिलेशनशिप था. वे लंबे समय से अलग हैं.

नुसरत पर पलटवार करते हुए जैन ने बयान जारी कर कहा कि हालांकि उन्होंने कई बार शादी करने की जिद की थी, लेकिन सांसद ने रजिस्ट्रेशन कराने से इनकार कर दिया था. अगस्त 2020 के बाद से, एक फिल्म की शूटिंग के दौरान, मेरी पत्नी का व्यवहार मेरे प्रति बदलना शुरू हो गया. हमारे साथ रहने के दौरान मैंने कई मौकों पर उससे शादी का पंजीकरण कराने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मेरे अनुरोधों को टाल दिया. मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय में विचाराधीन है.