"Crime against women is an unforgivable sin," says PM Modi at Lakhpati Didi Sammelan
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध एक "अक्षम्य पाप" है। "आज मैं एक बार फिर देश के हर राजनीतिक दल और राज्य सरकार से कहना चाहता हूं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध एक अक्षम्य पाप है।
दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और जो लोग किसी भी तरह से उनकी मदद करते हैं, उन्हें भी परिणाम भुगतने चाहिए," पीएम मोदी ने कहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में किसी भी लापरवाही के लिए लोगों को "जवाबदेह" ठहराया जाना चाहिए।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा, "चाहे वह अस्पताल हो, स्कूल हो, कार्यालय हो या पुलिस व्यवस्था हो, जहां भी लापरवाही होती है, सभी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।" पीएम मोदी ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि सरकार अपराधियों को सख्त सजा देगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के माध्यम से न्याय में देरी करने वाली बाधाओं को दूर किया है।
"हमारी सरकार महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए लगातार कानून सख्त बना रही है।
आज यहां देश की इतनी सारी बहनों और बेटियों के साथ मैं आपको विशेष रूप से बताना चाहता हूं कि पहले एफआईआर समय पर दर्ज न होने, मामलों की सुनवाई न होने और न्याय में देरी की शिकायतें आती थीं। हमने भारतीय न्याय संहिता में ऐसी कई बाधाओं को दूर किया है।" उन्होंने महिलाओं को ई-एफआईआर सुविधा के बारे में भी बताया, जिससे वे घर बैठे ही केस दर्ज करा सकती हैं।
पीएम मोदी ने कहा, "अगर पीड़िता पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहती है, तो वह घर बैठे ही ई-एफआईआर दर्ज करा सकती है। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि कोई भी पुलिस स्टेशन स्तर पर ई-एफआईआर से छेड़छाड़ न कर सके।" हाल के दिनों में, आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या को लेकर पूरे देश में भारी आक्रोश देखा गया, जिसके कारण महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जोरदार मांग उठी।
पीएम मोदी ने 11 लाख नई लखपति दीदियों को भी सुविधा प्रदान की। लखपति दीदी ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक पहल है जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं को कम से कम एक लाख रुपये की घरेलू आय अर्जित करने में मदद करना है।
प्रधानमंत्री ने 2,500 करोड़ रुपये का एक रिवॉल्विंग फंड भी जारी किया, जिससे 4.3 लाख एसएचजी के लगभग 48 लाख सदस्यों को लाभ होगा। इसके अतिरिक्त, वह 5,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण वितरित करेंगे, जिससे 2.35 लाख एसएचजी के 25.8 लाख सदस्यों को लाभ होगा। लखपति दीदी योजना की शुरुआत से अब तक एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। सरकार ने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है।