आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में आफत की बारिश ने प्याज की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
प्याज एक ऐसी सब्जी है जिसके बिना भारतीय सब्जियों का जायका थोड़ा फीका सा लगता है. कुछ लोगों को छोड़ दें तो अमूमन हर भारतीय की किचन में प्याज पाई जाती है. दूसरे शब्दों में कहें तो प्याज भारतीय खाने का वो आधार है जो स्वाद के साथ ही स्वास्थ्य में भी काफी लाभकारी होता है. प्याज अब एक बार फिर रुलाने को तैयार है क्योंकि महाराष्ट्र में प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. यहां ये जानना बेहद जरूरी है कि देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र ही है और यहां से पूरे देश को प्याज सप्लाई की जाती है. न सिर्फ भारत के ही अन्य राज्यों बल्कि दुनियाभर के कई देशों में भी महाराष्ट्र से ही प्याज भेजी जाती है. हालांकि, अब महाराष्ट्र में प्याज की फसल को हुए नुकसान की वजह से इसके दामों के बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है. महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से प्याज की फसल बर्बाद होने से किसानों को भी खासा नुकसान हुआ है. फसल को हुए नुकसान के बाद अब प्याज उगाने वाले किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग कर दी है. किसानों ने मांग की है कि उन्हें प्रति एकड़ एक लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए. इस संबंध में महाराष्ट्र के कांदा उत्पाद संगठन ने नेफेड से भी प्याज खरीद की पारदर्शिता की मांग कर दी है.
पत्र में क्या लिखा?
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में किसानों ने मांग की है कि राज्य के कई जिलों को काफी नुकसान हुआ है. जिन जिलों का जिक्र इस पत्र में किया गया उसमें नासिक, छत्रपति संभाजीनगर, धुले, बुलढाणा, अकोला, धाराशिव, अहिल्यानगर, पुणे,जालना और परभणी शामिल हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत दिघोले ने भी किसानों की समस्या से राज्य के मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया है. भरत दिघोले ने कहा, “बहुत सारे किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने कटाई से पहले ही रबी सीजन की फसल खो दी है, ऐसे किसानों को प्रति एकड़ एक लाख रुपये का मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाए. ऐसे किसान जो बेहद कम कीमतों पर अपनी फसलों को बेचने पर मजबूर हुए थे, उनके लिए भी मुआवजा मांगा गया है.
बढ़ सकती हैं कीमतें
हजारों टन प्याज खेतों में सड़ने की वजह से प्याज की कीमतें बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि किचन या खाने से एक बार फिर प्याज की दूरी हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो कीमतों को नॉर्मल करने के लिए सरकार को प्याज को इम्पोर्ट करना होगा.