मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ ने 18 लोगों की जान ले ली और 20 से अधिक लोग घायल हो गए. इस हादसे के बीच इंसानियत और बहादुरी की एक मिसाल देखने को मिली, जब स्टेशन पर काम करने वाले कुली मोहम्मद हाशिम ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक मासूम बच्ची की जान बचाई.
शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु और यात्री मौजूद थे. अचानक भीड़ का नियंत्रण बिगड़ गया, जिससे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। भगदड़ के कारण कई लोग घायल हो गए, और अफरा-तफरी के माहौल में हर कोई खुद को बचाने की कोशिश कर रहा था.
लेकिन इसी दौरान कुली मोहम्मद हाशिम ने एक अनोखी मिसाल पेश की. उन्होंने देखा कि एक महिला अपनी 4 साल की बच्ची को लेकर रो रही थी. महिला का कहना था कि उसकी बच्ची की सांसें थम चुकी हैं. हाशिम बिना एक पल गंवाए दौड़े और बच्ची को अपनी गोद में उठाकर उसे स्टेशन से बाहर सुरक्षित स्थान पर ले गए.
कुछ मिनटों के बाद बच्ची ने सांस लेना शुरू कर दिया. यह देखकर उसकी मां खुशी से रो पड़ी. हाशिम की बहादुरी ने इस भयावह हादसे में उम्मीद की एक किरण जगाई.
'हम बहादुर हैं या मूर्ख, पर हमने इंसानियत निभाई'
अपनी इस बहादुरी के बारे में बात करते हुए हाशिम ने कहा, "हम कह सकते हैं कि या तो हम बहादुर हैं या मूर्ख, जो अपनी जान दांव पर लगाकर भगदड़ में कूद पड़े. लेकिन हमने कई लोगों की जान बचाई, और यही हमारे लिए सबसे बड़ी बात है."
स्टेशन पर मौजूद अन्य कुलियों ने भी भगदड़ के दौरान यात्रियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। कई कुलियों ने घायलों को बाहर निकाला, पानी पिलाया और उनकी मदद की.
इसी तरह, प्रयागराज में जारी महाकुंभ मेले में भी एक और प्रेरणादायक तस्वीर सामने आई. जब भारी भीड़ और अव्यवस्थाओं के चलते कई श्रद्धालु परेशानी में थे, तब स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने आगे बढ़कर मदद की। लोगों ने अपने घरों, मस्जिदों और सामुदायिक रसोई के दरवाजे ज़रूरतमंदों के लिए खोल दिए.
काशी में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां स्थानीय निवासी सलीम मर्चेंट ने हरियाणा और राजस्थान से आए 40 से अधिक हिंदू तीर्थयात्रियों को अपने घर में ठहरने की जगह दी. उन्होंने यात्रियों के खाने-पीने और आराम की पूरी व्यवस्था की.
हिसार से आए एक गायक कलाकार ने कहा, "जब हमें होटल में रुकने की जगह नहीं मिली, तो सलीम भाई ने हमें अपने घर में पनाह दी. उनका आदर-सत्कार देखकर हमें महसूस हुआ कि हिंदुस्तान की असली पहचान यही है – मोहब्बत और भाईचारा."
ऐसे समय में जब समाज में नफरत और विभाजन की राजनीति जोरों पर है, कुली मोहम्मद हाशिम, सलीम मर्चेंट और प्रयागराज के मुस्लिम समुदाय की पहलें यह दिखाती हैं कि भारत की असली ताकत उसकी गंगा-जमुनी तहज़ीब और इंसानियत में निहित है.
इस तरह की घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि धर्म से ऊपर मानवता है, और जब मुश्किल वक्त आता है, तो भारतीय एक-दूसरे का हाथ थामकर खड़े होते हैं।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ में 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई,इस हादसे में रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों ने भी जान की बाजी लगाकर कई लोगों की जान बचाई, कुली मोहम्मद हाशिम बताया कि एक महिला अपनी 4 साल की बच्ची के मर जाने की बात कहकर रो रही थी। हाशिम ने… pic.twitter.com/vZ87oEZ2bm
— Lallanpost (@Lallanpost) February 16, 2025
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की भगदड़ में जहां कई लोगों की जान गई, वहीं मोहम्मद हाशिम जैसे नायकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने का साहस दिखाया.