मेवात के दो दिव्यांग छात्र जिलशाद एवं अरमान का कमाल, 11वीं नेशनल डीफ जूडो चैंपियनशिप में जीता गोल्ड और कांस्य

Story by  यूनुस अल्वी | Published by  [email protected] | Date 13-03-2023
मेवात के श्रवण बाधित दिव्यांग दो छात्रों जिलशाद एवं अरमान का कमाल, 11वीं नेशनल डीफ जूडो चैंपियनशिप में जीता गोल्ड और कांस्य
मेवात के श्रवण बाधित दिव्यांग दो छात्रों जिलशाद एवं अरमान का कमाल, 11वीं नेशनल डीफ जूडो चैंपियनशिप में जीता गोल्ड और कांस्य

 

यूनुस अलवी / (नूंह/ मेवात) हरियाणा

राष्ट्रीय राजधानी से करीब 75 किलोमीटर दूर हरियाणा के नूंह जिले के दो छात्रांे जिलशाद और अरमान ने कमाल कर दिखाया. नगीना के श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र संस्थान में अध्ययनरत इन दो श्रवण बाधित दिव्यांग छात्रों जिलशाद और अरमान ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित 11वीं नेशनल डीफ जूडो चैंपियनशिप में हरियाणा की झोली में एक गोल्ड एवं एक कांस्य पदक डाल दिया. बच्चों की कामयाबी पर संस्थान का प्रबंधन और ग्रामीण बेहद खुश हैं. 

पदक जीतने के बाद यहां पहुंचने पर दोनों बच्चांे का जारदार स्वागत किया गया. कई जगह उन्हें ग्रामीणों ने  सम्मानित भी किया.
 
dilshad mewat
 
नगीना के श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र के सहायक निदेशक योगेश प्रकाश गॉड ने अपने छात्रों की सफलता पर खुशी जताई है. बता दें कि इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जुडो एसोसिएशन के सहयोग से 4 से 7 मार्च तक पैरा जुडो अकैडमी हलवासिया कोर्ट हजरतगंज लखनऊ में 11वीं नेशनल डीफ जूडो चैंपियनशिप का आयोजन किया गया. 
 
mewat dilshad in action
 
राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में 8 राज्यों से विभिन्न प्रकार के दिव्यांग छात्रों ने भाग लिया. इस प्रतियोगिता में जिले के श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण संस्थान में अध्ययनरत छात्र जिलशाद और अरमान ने दो स्पर्धाओं में भाग लिया.जिलशाद ने 50 किलो भार में स्वर्ण पदक हासिल किया, जबकि अरमान ने 35 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाय.
 
dilshad with mother
 
छात्रों की सफलता में उनके प्रशिक्षक महेंद्र सिंह का विशेष योगदान रहा जिन्होंने दोनों के साथ कड़ी मेहनत कर विशेष रूप से प्रशिक्षित किया.संस्थान के सहायक निदेशक ने बताया कि नगीना केंद्र में फिलहाल 60 बच्चे अध्ययनरत हैं. प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों का पूरा खर्च संस्थान वहन करता है. उन्होंने बताया कि जो बच्चे बोलने और सुनने में सक्षम नहीं हैं. उन्हें श्रवण बाधित कैटेगरी का दिव्यांग माना जाता है.
 
dilshad certificate
 
फिरोजपुर रनियाला के रहने वाले छात्र दिलशाद के पिता अब्दुल करीम ने बताया कि उनके 4 बच्चों में से 3 तीन दिव्यांग हैं. बावजूद इसके सभी पढ़ाई कर रहे हैं. वह अपने बच्चों की रुचि को ध्यान में रखते हुए अपने स्तर पर उनका पूरा सहयोग करते हैं.
 
वहीं मां का कहना है कि उनका एक लड़का जब उसे बात करता है और बाकी तीन बच्चे बात नहीं करते तो उसे बहुत दुख होता है. फिर वो अपने तीनों लड़कों को आगे बढ़ाने मंे उनका  हरसंभव सहयोग कर ती हैं. 
 
dilshad
 
गांव रानियाला के सपात और इनामत ने बताया कि दिलशाद की कामयाबी पर गांव में पहुंचने पर पगड़ी बांध कर सम्मान किया गया.उन्हें गर्व है कि बोलने और सुनने में असक्षम दिलशाद ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.
 
 संस्थान के मुताबिक, दूसरे छात्र अरमान ने 35 किलो भार में कांस्य पदक हासिल किया जो अलवर मेवात से संबंध रखता है. अपने लाडले की इस उपलब्धि से उनके माता-पिता ही नहीं, बल्कि पूरा गांव उन पर नाज कर रहा है. 
 
बता दें कि लखनऊ में हुए राष्ट्रीय स्तरीय जूडो कराटे प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल लाने वाले दिलशाद पुत्र अब्दुल करीम महज 12 साल का है. मेवात में संसाधन और सुविधाओं की कमी के बावजूद वह बेहतर करने की कोशिश हैं.
 
dilshad
 
ताइक्वांडो और पहलवानी की इंटरनेशनल खिलाड़ी रजिया बानो ने विजेता खिलाड़ी दिलशाद को लेकर कहा कि यह गर्व की बात है कि इस बच्चे ने इतनी हिम्मत और हौसला दिखाया. उन्होंने कहा कि मेवात में ऐसी
प्रतिभाएं हैं जो अभी भी छुपी हुई हैं.
 
उन प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए सरकार को कदम बढ़ाने चाहिए. संसाधनों की कमी दूर करने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि जल्दी ही दो बच्चों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाएंगी. जो बच्चे सुन, बोल नहीं सकते उन्हांेने मेवात और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है.