India sent humanitarian aid to Afghanistan, PM Modi said- helping neighboring countries is our priority
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
दक्षिण एशिया की राजनीति और मानवीय सहयोग के बीच भारत ने एक बार फिर अपनी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अफगानिस्तान को बड़ी मानवीय सहायता भेजी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल को भारत की “पड़ोसी पहले” नीति का अहम हिस्सा बताते हुए कहा कि संकट की घड़ी में अफगान जनता को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा.
तालिबान शासन के बीच मानवीय हालात बिगड़ने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. ऐसे में भारत की ओर से भेजी गई इस मदद को न केवल कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि यह पड़ोसी देशों के प्रति भारत की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का भी प्रमाण है.
अफगानिस्तान पिछले कई वर्षों से राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और खाद्य कमी से जूझ रहा है. तालिबान शासन में आम जनता की स्थिति और कठिन हो गई है. संयुक्त राष्ट्र की कई रिपोर्टों में यह स्पष्ट किया गया है कि देश में लाखों लोगों को भोजन, दवाइयों और आवश्यक संसाधनों की भारी कमी है. ऐसे माहौल में भारत द्वारा भेजी गई मदद वहां के नागरिकों के लिए राहत की सांस है. इस सहायता में गेंहू, चावल, दाल, आवश्यक जीवनरक्षक दवाइयाँ और बच्चों के लिए दूध पाउडर जैसी चीजें शामिल हैं. इसके साथ ही चिकित्सा उपकरण और सर्दी से बचाव के लिए कंबल व अन्य सामग्री भी भेजी गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहायता रवाना करते समय अपने संबोधन में कहा कि भारत हमेशा मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि मानता है. उन्होंने कहा, “भारत की सभ्यता और संस्कृति हमें यह सिखाती है कि हम सबका साथ और सबका विकास सुनिश्चित करें. अफगानिस्तान में हमारे भाई-बहन जिन कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, उसमें उनकी मदद करना हमारा नैतिक कर्तव्य है।” पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह सहायता पूरी तरह से मानवीय आधार पर है और भारत चाहता है कि अफगानिस्तान की आम जनता सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सके.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी जानकारी दी कि यह सहायता भारतीय वायुसेना के विशेष विमानों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से काबुल और अन्य क्षेत्रों तक पहुँचाई जाएगी. संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं की मदद से यह राहत सामग्री दूरदराज़ के इलाकों तक पहुंचाई जाएगी, ताकि ग्रामीण और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों के लोगों तक भी राहत मिल सके.
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत का यह कदम केवल मानवीय ही नहीं, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी अहम है. अफगानिस्तान दक्षिण एशिया की सुरक्षा और स्थिरता से जुड़ा हुआ है. भारत की कोशिश है कि अफगान जनता के साथ अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाए रखा जाए. यह कदम इस बात का संदेश भी देता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर केवल अपने हितों की नहीं, बल्कि पड़ोसी देशों की भलाई की भी चिंता करता है.
काबुल में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि अफगान जनता ने भारत की इस पहल का खुले दिल से स्वागत किया है. कई स्थानीय संगठनों और नागरिकों ने भारतीय सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा कठिन समय में उनका साथ दिया है. भारतीय सहायता को देखते हुए अफगान नागरिकों में यह विश्वास और मजबूत हुआ है कि भारत सच्चे मायने में उनका भरोसेमंद मित्र है.