मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
कोई भी त्योहार ऐसे अवसर होते हैं जो लोगों को जाति, धर्म और विश्वास के बावजूद एक साथ लाते हैं और यह हमारे देश की विशेषता है. रोशनी के त्योहार दिवाली के अवसर पर दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर कई जगहों पर दीप जलने के कारण जगमगा उठी. इस दौरान यहां भी दीये जलाए गए और हजरत निजामुद्दीन औलिया से अकीदत रखने वालों ने दिवाली मनाई गई. यूं तो दरगाह हजरत निजामुद्दीन को उनके हालिया उर्स के पेश ए नजर रोशनी से खूबसूरती से सजाया गया. देर शाम दूर-दराज से आने वाले लोगों ने दरगाह के कोने में दीये जलाकर देश में शांति की कामना की.
हजरत निजामुद्दीन औलिया के प्रति प्रेम
दरगाह हज़रत निज़ामुद्दीन के संरक्षक काशिफ अली निज़ामी के अनुसार, हिंदू हर साल दीया जलाने और दरगाह पर मिठाइयां बांटने के लिए आते हैं. ये उन लोगों का हजरत निजामुद्दीन औलिया के प्रति प्रेम की अभिव्यक्ति हैं. जिसे लोगों ने जश्न ए चरागां का नाम दिया है. दीपावली के इस कार्यक्रम में दरगाह के किसी भी व्यक्ति का कोई रोल नहीं होता हैं. उन्होंने कहा कि गैर मुस्लिम बिरादरी के लोग हजरत निजामुद्दीन के आशीर्वाद के रूप में अपने घरों में कुछ दीये या मोमबत्तियां भी जलाते हैं.
निजामी ने कहा कि कई हिंदू अपने घर में एक या दो दीये ले जाते हैं. उनका मानना है कि यह उनके उत्सव में औलिया के आशीर्वाद को जोड़ देगा.
यहां वर्णन से परे एक भावना है
दरगाह पर पहुंचने वाले कई गैर-मुस्लिम भक्तों ने बताया कि वे अपना नाम नहीं बताना चाहते, क्योंकि निजामुद्दीन के लिए उनका प्यार उनके लिए व्यक्तिगत है. हालांकि, उन्होंने कहा कि दरगाह का दौरा धर्म के बारे में नहीं. उनमें से एक ने कहा, यह शांति के बारे में है जो हर जगह नहीं बल्कि यहां मिलती है. यह केवल अनुभव करने के लिए है. यहां वर्णन से परे एक भावना है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने चढ़ाई थी चादर
दो दिन पहले धनतेरस के दिन हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर दीयें जलाए गए. जिसका आयोजन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा किया गया था. जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता और राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार शामिल हो कर मजार पर अकीदत के चादर चढ़ाई और देश में आपसी भाईचारे के लिए दुआएं की.