नई दिल्ली
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने नई चयन नीति लागू की है, जिसके तहत राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए पहलवानों के लिए राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में भाग लेना अनिवार्य होगा। हालांकि, व्यक्तिगत स्तर पर अभ्यास कर रहे पहलवानों को इस नियम से छूट दी गई है।
डब्ल्यूएफआई की हाल ही में अहमदाबाद में हुई आम परिषद की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई और इसे समीक्षा एवं फीडबैक के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) को भी भेजा गया।नीति के अनुसार, राष्ट्रीय शिविर में भागीदारी के लिए पहलवानों का राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पदक जीतना अनिवार्य होगा। एक बार चयनित होने के बाद पहलवानों को केवल राष्ट्रीय शिविर में अभ्यास करना होगा और किसी अन्य स्थान पर व्यक्तिगत अभ्यास की अनुमति नहीं होगी।
नीति का यह अर्थ है कि हाल ही में संन्यास से वापसी करने वाली विनेश फोगाट को राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए घरेलू स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करना होगा। शिविर में भाग न लेने वाले पहलवान चयन ट्रायल में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
इस नीति में रिजर्व पहलवान रखने का प्रावधान भी शामिल है, जो चयनित पहलवान के चोटिल होने पर खेल सकेंगे। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि चयन ट्रायल में पिछले प्रदर्शन को महत्व नहीं दिया जाएगा।
इसके अलावा, ओलंपिक, एशियाई खेल, उपमहाद्वीपीय चैम्पियनशिप और विश्व चैम्पियनशिप जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए ट्रायल में भाग लेना अनिवार्य होगा।
यह नई नीति भारतीय कुश्ती में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और राष्ट्रीय टीम चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।






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