आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय फुटबॉल के लिए वर्ष 2025 निराशा से भरा रहा जिसमें उसे गंभीर प्रशासनिक संकट, अदालती सुनवाई, वित्तीय समस्याओं, घरेलू लीग के अभाव और सीनियर पुरुष टीम के खराब प्रदर्शन से जूझना पड़ा।
जैसे-जैसे साल खत्म होने लगा लियोनेल मेस्सी के बहुचर्चित ‘जीओएटी इंडिया टूर’ ने कुछ दिलचस्पी पैदा की और इस खेल को लेकर कुछ चर्चा शुरू करने पर मजबूर किया। लेकिन इससे भारतीय फुटबॉल को कुछ फायदा हुआ होगा ऐसा नहीं लगता है।
भारतीय फुटबॉल की अपनी समस्याएं ही कम नहीं थी और ऐसे में मेस्सी के दौरे के पहले दिन साल्ट लेक स्टेडियम में फैली अराजकता और अव्यवस्था ने शर्मिंदगी को और बढ़ा दिया।
भारतीय फुटबॉल के गढ़ कहे जाने वाले कोलकाता में कानून-व्यवस्था का बिगड़ना भले ही अच्छी खबर न हो, लेकिन हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली में मेस्सी के कार्यक्रम अच्छी तरह से आयोजित किए गए।
इस साल भारत की सीनियर पुरुष टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। उसे ढाका में नवंबर में खेले गए 2027 एएफसी एशियाई कप क्वालीफाइंग मैच में बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ा। यह बांग्लादेश के खिलाफ पिछले 22 वर्षों में उसकी पहली पराजय थी।