बॉक्सिंग डे टेस्ट दो दिन में खत्म, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को करीब 82 करोड़ रुपये का झटका

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-12-2025
The Boxing Day Test ended in two days, costing Cricket Australia approximately 820 million rupees.
The Boxing Day Test ended in two days, costing Cricket Australia approximately 820 million rupees.

 

नई दिल्ली

एशेज सीरीज़ के इतिहास में बॉक्सिंग डे टेस्ट को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला, लेकिन मैच के महज़ दो दिनों में समाप्त हो जाने से Cricket Australia को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मेलबर्न में खेले गए इस टेस्ट मैच के कारण ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड को करीब 820 मिलियन टका, यानी लगभग 82 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में खेले गए इस मुकाबले के दूसरे दिन रिकॉर्ड 93,442 दर्शक स्टेडियम पहुंचे, जो एशेज इतिहास में एक दिन में सबसे अधिक उपस्थिति मानी जा रही है। तीसरे दिन के लिए भी लगभग एक लाख टिकट पहले ही बिक चुके थे। लेकिन टेस्ट मैच के केवल दो दिनों में समाप्त हो जाने से न सिर्फ दर्शकों को निराशा हाथ लगी, बल्कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को प्रसारण अधिकारों और विज्ञापन से होने वाली अनुमानित कमाई से भी वंचित होना पड़ा।

इससे पहले पर्थ में खेले गए टेस्ट मैच का भी यही हाल रहा था, जो दो दिनों में ही खत्म हो गया। उस मुकाबले से भी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को लगभग 240 मिलियन टका का नुकसान हुआ था। लगातार छोटे टेस्ट मैचों ने बोर्ड की चिंता बढ़ा दी है।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ टॉड ग्रीनबर्ग ने मेलबर्न टेस्ट के पहले दिन 20 विकेट गिरने पर खुलकर नाराज़गी जताई। उन्होंने स्वीकार किया कि दो दिनों में टेस्ट मैच का खत्म होना बोर्ड के लिए व्यावसायिक रूप से नुकसानदेह है।

ग्रीनबर्ग ने कहा,“अगर इस सवाल का संक्षिप्त जवाब देना हो कि क्या एक दिन में 20 विकेट गिरना ज्यादा है, तो जवाब है—हां। एक प्रशंसक के तौर पर ऐसे मैच रोमांचक लग सकते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट ज्यादा समय तक चले। छोटे टेस्ट मैच क्रिकेट के व्यवसाय के लिए बेहद नुकसानदायक हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि बल्ले और गेंद के बीच संतुलन ज़रूरी है।“पिछले दिन गेंदबाज़ों को ज्यादा मदद मिली, लेकिन बल्लेबाज़ों को भी ज़िम्मेदारी के साथ खेलना चाहिए था। हर चीज के लिए सिर्फ पिच को दोष नहीं दिया जा सकता।”

पिच की तैयारी को लेकर पूछे गए सवाल पर ग्रीनबर्ग ने कहा कि परंपरागत रूप से बोर्ड इसमें दखल नहीं देता, लेकिन जब इसका असर क्रिकेट के व्यावसायिक पक्ष पर पड़ने लगे, तो इस पर ध्यान देना ज़रूरी हो जाता है।उन्होंने स्पष्ट किया कि पिच क्यूरेटर को स्वतंत्रता मिलेगी, लेकिन भविष्य में बोर्ड अपनी अपेक्षाओं के आधार पर उनके काम पर नज़र जरूर रखेगा।