छह भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी विश्व विश्वविद्यालय खेलों से प्रतिबंधित, चयन विवाद गहराया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 22-07-2025
Six Indian badminton players banned from World University Games, selection controversy deepens
Six Indian badminton players banned from World University Games, selection controversy deepens

 

नयी दिल्ली

जर्मनी के राइन-रूहर में चल रहे विश्व विश्वविद्यालय खेलों (डब्ल्यूयूजी) में मिश्रित टीम कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय बैडमिंटन टीम पर चयन विवाद का साया पड़ गया है। चुने गए 12 खिलाड़ियों में से 6 को प्रशासनिक लापरवाही के कारण प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से रोक दिया गया।

भारत की ओर से 12 खिलाड़ियों का चयन किया गया था, लेकिन प्रबंधकों की बैठक में सभी नामों को समय पर और सही तरीके से प्रस्तुत न करने की वजह से केवल 6 खिलाड़ियों को ही प्रतिस्पर्धा की अनुमति मिल पाई। यह बैठक 16 जुलाई को आयोजित की गई थी।

अलीशा खान का दर्द – “यह सिर्फ कुप्रबंधन नहीं, करियर को बर्बाद करने वाला कदम”

प्रतिबंधित खिलाड़ियों में शामिल अलीशा खान ने इंस्टाग्राम पर लिखा,“यह सिर्फ कुप्रबंधन नहीं है, बल्कि हमारे करियर को नुकसान पहुंचाने वाला निर्णय है। हमने कोई मैच नहीं हारा, लेकिन खेलने का हमारा अधिकार छीन लिया गया। हम जवाबदेही और न्याय की मांग करते हैं।”

उन्होंने आगे लिखा,“यह कोई छोटी गलती नहीं है। यह एआईयू और टीम अधिकारियों की गंभीर चूक है, जिसने हमारे सपनों पर चोट पहुंचाई है।”

एआईयू ने माना प्रशासनिक दोष, जांच जारी

सूत्रों के अनुसार, भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के अधिकारी बीवी राव और अजीत मोहन इस बैठक में मौजूद थे। एआईयू, जो देश में विश्वविद्यालय स्तर के खेलों की नोडल संस्था है, ने इस घटना को स्वीकार करते हुए जांच की बात कही है।
एआईयू की सचिव डॉ. पंकज मित्तल ने कहा, “हमें इसकी जानकारी है और मामले की जांच की जा रही है।”

चयन प्रक्रिया पर सवाल

सूत्रों ने आरोप लगाया कि यह घटना केवल ‘गलती’ नहीं बल्कि चयन प्रक्रिया में व्याप्त अनियमितताओं का नतीजा है। इन अनियमितताओं की शुरुआत भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) में हुए ट्रायल से हुई थी।
सूत्र के मुताबिक, “बैठक के दौरान अधिकारियों को सभी 12 खिलाड़ियों की सूची दी गई थी। उनकी जिम्मेदारी थी कि वे नामों की जांच और पुष्टि करें। लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया।”

टीम इंडिया का प्रदर्शन

भारत की ओर से सनीथ दयानंद, सतीश कुमार करुणाकरण, देविका सिहाग, तस्नीम मीर, वर्षिनी विश्वनाथ श्री और वैष्णवी खड़केकर ने मिश्रित टीम स्पर्धा में हिस्सा लिया।टीम ने ग्रुप चरण में मकाऊ को हराया, हालांकि हांगकांग से हार गई। इसके बाद राउंड ऑफ 16 में अमेरिका और क्वार्टर फाइनल में मलेशिया को हराकर सेमीफाइनल में चीनी ताइपे से पराजय झेलनी पड़ी।

खिलाड़ियों की नाराजगी

रोहन कुमार, दर्शन पुजारी, अदिति भट्ट, अभिनाश मोहंती, विराज कुवाले और अलीशा खान को खेलने का मौका नहीं मिला। पुजारी ने भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) को पत्र लिखकर मामले की गहन जांच की मांग की।
उन्होंने लिखा,“इतने बड़े स्तर पर कुप्रबंधन ने हमें भावनात्मक आघात पहुंचाया है। टीम इंडिया ने ऐतिहासिक पदक जीता, लेकिन हम मैदान पर योगदान देने से वंचित रह गए। केवल माफी से यह मामला खत्म नहीं हो सकता।”

धाविका देवयानी बजाला भी बनीं शिकार

महिला 400 मीटर धावक देवयानी बजाला ने भी सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि उनका नाम अधिकारियों की लापरवाही से पुष्टि सूची से हटा दिया गया।
उन्होंने लिखा,“मैं एक साल से इस प्रतियोगिता की तैयारी कर रही थी। पहले दिन की सूची में मेरा नाम गायब देखकर मैं टूट गई। यह मेरे करियर और जीवन पर गहरा असर डालेगा। अब इसका जिम्मेदार कौन है?”