ओलिंपिक विजेताओं को दिल्ली सरकार का बड़ा तोहफ़ा: गोल्ड पर ₹7 करोड़ और सरकारी नौकरी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-07-2025
Delhi government's big gift to Olympic winners: ₹7 crore and government job on gold
Delhi government's big gift to Olympic winners: ₹7 crore and government job on gold

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
दिल्ली सरकार ने ओलिंपिक और पैरालिंपिक पदक विजेताओं के लिए बड़ी घोषणा करते हुए उनके नकद पुरस्कार में भारी बढ़ोतरी कर दी है। अब स्वर्ण पदक विजेताओं को ₹7 करोड़, रजत पदक विजेताओं को ₹5 करोड़ और कांस्य पदक विजेताओं को ₹3 करोड़ की राशि दी जाएगी। इसके साथ ही, स्वर्ण और रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को ग्रुप‑A की सरकारी नौकरी और कांस्य पदक विजेताओं को ग्रुप‑B की नौकरी भी दी जाएगी।

इस निर्णय की घोषणा दिल्ली के खेल मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को की। उन्होंने बताया कि ये फैसले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए। यह कदम ‘मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना’ के तहत राजधानी में खेलों को बढ़ावा देने और युवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे पहले, ओलिंपिक और पैरालिंपिक पदक विजेताओं को क्रमशः ₹3 करोड़, ₹2 करोड़ और ₹1 करोड़ मिलते थे।

सूद ने यह भी जानकारी दी कि दिल्ली सरकार ‘मुख्यमंत्री डिजिटल योजना’ के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कक्षा 10 उत्तीर्ण करने वाले 1,200 मेधावी छात्रों को i7 प्रोसेसर वाले लैपटॉप मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। इन लैपटॉप्स का वितरण कक्षा 11 में प्रवेश लेने वाले छात्रों को किया जाएगा।

इस अवसर पर मंत्री ने यह भी दोहराया कि ये निर्णय दिल्ली के छात्रों, युवाओं और खेल जगत के समग्र विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम हैं।

हाल ही में, दिल्ली के गृह मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सार्वजनिक धन से महंगे मोबाइल फोन खरीदने का आरोप लगाया था। मंत्री सूद ने दावा किया कि रिकॉर्ड के अनुसार, केजरीवाल ने 2015 से 2022 के बीच चार iPhone खरीदे, जिनकी कीमत मुख्यमंत्री के लिए तय की गई ₹50,000 की सीमा से अधिक थी।

इन सबके बीच, दिल्ली सरकार की यह नई पहल जहां एक ओर खिलाड़ियों और छात्रों को मजबूत बनाने की दिशा में सराहनीय मानी जा रही है, वहीं यह राजनीतिक पृष्ठभूमि में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।