प्रधानमंत्री मोदी के 11 वर्षों में खेल संस्कृति का पुनर्जागरण

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-06-2025
Renaissance of sports culture in 11 years of Prime Minister Modi
Renaissance of sports culture in 11 years of Prime Minister Modi

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

भारत में खेल आज केवल मनोरंजन या प्रतियोगिता का माध्यम नहीं हैं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व, युवा सशक्तिकरण और वैश्विक पहचान का प्रतीक बन चुके हैं. इस परिवर्तन के केंद्र में हैं – प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी, जिनके नेतृत्व में भारत ने 2014 से 2025 के बीच खेलों के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व क्रांति देखी है. बीते 11 वर्षों में, भारत में खेलों का परिदृश्य जिस गति और गंभीरता से बदला है, वैसा उदाहरण स्वतंत्र भारत के इतिहास में विरल ही रहा है.

 

 

 

 

प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल की शुरुआत से ही यह स्पष्ट हो गया था कि उनके लिए खेल केवल शारीरिक गतिविधि नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक सशक्त माध्यम है. उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने के लिए खेलों को प्राथमिकता दी, जिसके फलस्वरूप आज भारत वैश्विक खेल मानचित्र पर दृढ़ता से स्थापित हो चुका है.

2014 में जहाँ खेल मंत्रालय का बजट ₹1643 करोड़ था, वहीं 2025-26 में यह बढ़कर ₹3794 करोड़ हो गया — यह केवल आंकड़ों का अंतर नहीं, बल्कि सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. इस अवधि में केंद्र सरकार ने न केवल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता पर ध्यान दिया, बल्कि ग्राम स्तर से ओलंपिक स्तर तक के लिए संरचित योजनाओं और नीतियों का निर्माण किया.

‘खेलो इंडिया’ जैसी योजनाओं ने खेलों को गाँव-गाँव तक पहुँचाया. 2016 में शुरू हुई इस योजना ने न केवल खेल अवसंरचना का विकास किया, बल्कि हजारों प्रतिभाओं को मंच भी प्रदान किया. ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’, ‘यूनिवर्सिटी गेम्स’, ‘विंटर गेम्स’ और ‘पैरा गेम्स’ जैसे आयोजन अब सालाना कैलेंडर का हिस्सा बन गए हैं, जो पहले कभी कल्पना से परे थे.

युवाओं की प्रतिभा पहचानने और निखारने के लिए कीर्ति योजना जैसी अत्याधुनिक तकनीक आधारित पहलें शुरू हुईं, जहाँ AI और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने 2036 तक शीर्ष-10 और 2047 तक शीर्ष-5 खेल राष्ट्र बनने का जो लक्ष्य रखा है, वह अब दूर की कौड़ी नहीं लगता.

TOPS योजना (लक्ष्य ओलंपिक पोडियम स्कीम) प्रधानमंत्री के विजन का एक और उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसके तहत देश के शीर्ष खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता और मनोवैज्ञानिक समर्थन दिया जाता है. यही कारण है कि भारत ने टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 ओलंपिक में अपने इतिहास के सबसे अच्छे प्रदर्शन किए.

पैरालिंपिक में भी भारत ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं. 2016 में मात्र 4 पदकों से शुरू हुआ सफर 2024 में 29 पदकों तक पहुँचा — जिसमें 7 स्वर्ण शामिल हैं. यह उपलब्धि उस समावेशी सोच का परिचायक है जो प्रधानमंत्री मोदी की नीति का आधार रही है.

केवल ओलंपिक ही नहीं, भारत ने एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भी पदकों की संख्या और गुणवत्ता, दोनों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है. हांग्जो 2023 एशियाड में भारत ने 107 पदक जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया. इसमें नीरज चोपड़ा, लवलीना बोरगोहेन, चिराग शेट्टी जैसे एथलीटों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा फिटनेस को जीवनशैली का हिस्सा बनाने पर बल दिया है. ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ उनके इसी दृष्टिकोण का प्रमाण है, जो देशभर में स्वास्थ्य और सक्रियता की संस्कृति को जन-जन तक पहुँचा रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत ने न केवल वैश्विक प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है, बल्कि खुद भी फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप, शतरंज ओलंपियाड, मोटोजीपी भारत जैसे बड़े आयोजनों की मेज़बानी कर खेल कूटनीति को भी नया आयाम दिया है.

जम्मू और कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में खेलों के ज़रिए युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना भी इस सरकार की दूरदर्शिता का उदाहरण है. ₹200 करोड़ के विशेष पैकेज से खेल अवसंरचना को वहाँ पुनर्जीवित किया गया, जिससे ना केवल खेलों को बल मिला बल्कि समाज में आशा और ऊर्जा का संचार भी हुआ.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा कहा है कि "भारत का युवा किसी से कम नहीं है, बस उसे अवसर चाहिए." और बीते 11 वर्षों में उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि देश का हर उभरता खिलाड़ी — चाहे वह गाँव के खेतों से हो या शहर की गलियों से — एक दिन देश का गौरव बन सके.

आज जब भारत 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए संभावित दावेदार के रूप में देखा जा रहा है, तो यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि उस "नए भारत" की तस्वीर है, जिसकी नींव प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व और समर्पित योजनाओं के माध्यम से रखी है.

khelo

एक नजर में 11 वर्षो की खेल उपलब्धियां

खेलो इंडिया योजना

(शुरुआत: 2016-17)

इस योजना का उद्देश्य देशभर में खेलों के लिए जनभागीदारी बढ़ाना और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को उभारना है।

प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • ₹3,124 करोड़ की लागत से 326 खेल अवसंरचना परियोजनाएँ स्वीकृत

  • 1,045 खेलो इंडिया केंद्र स्थापित

  • 34 राज्य स्तरीय उत्कृष्टता केंद्र और 306 अकादमियों को मान्यता

  • 2,845 एथलीटों को कोचिंग, उपकरण, मेडिकल सहायता और मासिक भत्ता प्रदान


खेलो इंडिया गेम्स

खेलो इंडिया यूथ गेम्स, यूनिवर्सिटी गेम्स, पैरा गेम्स और विंटर गेम्स के माध्यम से हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं.

  • 2018 में 18 खेलों से शुरुआत

  • 2025 में बिहार में आयोजित 7वें संस्करण में 27 खेलों का समावेश

  • अब तक 17 संस्करणों में 50,000+ एथलीट भाग ले चुके हैं

  • पैरा गेम्स 2023 और 2025 में 1,300+ एथलीट शामिल हुए


कीर्ति (KIRTI) - उभरती प्रतिभाओं की पहचान

(उम्र: 9 से 18 वर्ष)

कीर्ति एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जो AI और डेटा एनालिटिक्स आधारित टूल्स से खेल प्रतिभाओं की पहचान करता है.

  • देशभर में 174 टैलेंट असेसमेंट सेंटर (TAC)

  • लक्ष्य: 2036 तक भारत को टॉप-10 खेल राष्ट्र और 2047 तक टॉप-5 में लाना


लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (TOPS)

यह योजना ओलंपिक और पैरालंपिक के लिए भारत के शीर्ष खिलाड़ियों को विशेष सहायता देती है.

  • कोर ग्रुप एथलीट को ₹50,000 मासिक भत्ता

  • जूनियर ग्रुप को ₹25,000 वजीफा

  • अगस्त 2024 तक: 174 एथलीट और 2 हॉकी टीमें चयनित

  • TOPS ने टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 में पदक विजयों में योगदान दिया


फिट इंडिया मूवमेंट

2019 में शुरू हुआ यह अभियान स्वास्थ्य को जीवनशैली का हिस्सा बनाने पर केंद्रित है.

  • मार्च 2025 में पहला फिट इंडिया कार्निवल

  • ‘फिट इंडिया-स्वस्थ हिंदुस्तान’ ऑनलाइन टॉक शो

  • 1500+ फिट इंडिया प्लॉग रन आयोजित


प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन

ओलंपिक

वर्ष मेज़बान एथलीट पदक
2016 रियो 117 2
2020 टोक्यो 119 7
2024 पेरिस 117 6
  • नीरज चोपड़ा (भाला फेंक) – पहला स्वर्ण

  • मीराबाई चानू – दो ओलंपिक में पदक

पैरालिंपिक

वर्ष एथलीट पदक स्वर्ण रजत कांस्य
2016 19 4 2 1 1
2020 54 19 5 8 6
2024 84 29 7 9 13
  • प्रमुख नाम: अवनी लेखरा, सुमित अंतिल, प्रमोद भगत

एशियाई खेल

वर्ष मेज़बान एथलीट पदक स्वर्ण रजत कांस्य
2014 इंचियोन 541 57 11 9 37
2018 जकार्ता 570 69 15 24 30
2023 हांग्जो 655 107 28 38 41

राष्ट्रमंडल खेल

वर्ष मेज़बान एथलीट पदक स्वर्ण रजत कांस्य
2014 ग्लासगो 215 64 15 30 19
2018 गोल्ड कोस्ट 218 66 26 20 20
2022 बर्मिंघम 210 61 22 16 23

अन्य वैश्विक उपलब्धियाँ

  • 2024 शतरंज ओलंपियाड (बुडापेस्ट): दोहरा स्वर्ण

  • 2022 थॉमस कप: पुरुष बैडमिंटन टीम की ऐतिहासिक जीत

  • 2023 विश्व एथलेटिक्स (बुडापेस्ट): भाला फेंक में स्वर्ण

  • ISSF और पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन


वैश्विक भागीदारी और कूटनीति

  • फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022

  • आईओसी सत्र 2023 (मुंबई)

  • एफआईडीए शतरंज ओलंपियाड 2022 (चेन्नई)

  • मोटोजीपी भारत 2023 (नोएडा)

  • बिम्सटेक एक्वेटिक्स चैंपियनशिप 2024 (नई दिल्ली)


विशेष पैकेज – जम्मू-कश्मीर में खेल अवसंरचना

  • ₹200 करोड़ के विशेष पैकेज

  • 84 करोड़ की लागत से जम्मू और श्रीनगर के स्टेडियमों का उन्नयन


राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

भारत में खेलों के लिए 6 श्रेणियों में राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिए जाते हैं. ये उन खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाया.


नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS)

623 जिलों में फैला यह दुनिया का सबसे बड़ा युवा संगठन है, जो

  • शिक्षा,

  • स्वास्थ्य,

  • महिला सशक्तिकरण,

  • ग्रामीण विकास
    जैसे क्षेत्रों में युवाओं को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।

भारत अब खेलता भी है, जीतता भी है — और पूरी दुनिया इसे गौरव से देखती है.
यह बदलाव अचानक नहीं आया, यह गढ़ा गया है — 11 वर्षों की निरंतर नीति, निवेश और नेतृत्व के परिणामस्वरूप.