तोक्यो
भारतीय निशानेबाज प्रांजलि प्रशांत धूमल ने बधिर ओलंपिक (डेफलिम्पिक्स) में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को जारी रखते हुए सोमवार को महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में शानदार स्वर्ण पदक जीता। यह इस प्रतियोगिता में उनका तीसरा पदक है, जिससे वे भारत की सबसे सफल निशानेबाजों में शामिल हो गई हैं।
इससे पहले प्रांजलि ने मिश्रित पिस्टल स्पर्धा में अभिनव देशवाल के साथ स्वर्ण पदक जीता था, वहीं महिलाओं की एयर पिस्टल स्पर्धा में उन्होंने रजत पदक हासिल किया था। लगातार तीन स्पर्धाओं में पदक जीतकर उन्होंने अपनी निरंतरता और कौशल का दमदार प्रदर्शन किया है।
25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में प्रांजलि ने बेहतरीन नियंत्रण और सटीकता का परिचय दिया। यूक्रेन की मोसिना हालिना ने रजत, जबकि कोरिया की जियोन जिवोन ने कांस्य पदक जीता। भारत की एक अन्य प्रतिभाशाली निशानेबाज और एयर पिस्टल स्पर्धा की स्वर्ण पदक विजेता अनुया प्रसाद, कड़ी टक्कर देने के बावजूद इस स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं।
फाइनल से पहले प्रांजलि ने क्वालीफिकेशन में भी इतिहास रच दिया। उन्होंने 600 में से 573 अंक बनाकर नया विश्व क्वालीफिकेशन रिकॉर्ड स्थापित किया और शीर्ष स्थान पर रहते हुए फाइनल में प्रवेश किया।
रविवार को भारत के अभिनव देशवाल ने पुरुषों की 25 मीटर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता था, जो इस बार के डेफलिम्पिक्स की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भारत का कुल 15वां पदक था। प्रांजलि और अन्य खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से भारत की पदक संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय निशानेबाजी की प्रतिष्ठा और मजबूत हुई है।