कृपया इसका राजनीतिकरण न करें: ‘आजाद कश्मीर’ वाले विवादित बयान पर सना मीर

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 03-10-2025
Please don't politicise this: Sana Mir on controversial 'Azad Kashmir' remark
Please don't politicise this: Sana Mir on controversial 'Azad Kashmir' remark

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
पाकिस्तान की पूर्व कप्तान सना मीर ने महिला विश्व कप के दौरान अपनी विवादास्पद ‘आजाद कश्मीर’ टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि यह केवल बल्लेबाज नतालिया परवेज के ‘विवादित क्षेत्र’ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक के सफर के दौरान सामने आई ‘चुनौतियों’ की जानकारी देने के बारे में था.
 
 पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बृहस्पतिवार को खेले गये मैच में कमेंट्री के दौरान सना ने कहा कि परवेज ‘आजाद कश्मीर’ से हैं। यह टिप्पणी भारतीय प्रशंसकों को पसंद नहीं आई और उन्होंने बताया कि सही शब्द पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) हैं। भारतीय प्रशंसकों ने सना पर राजनीतिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया.
 
  सना ने इन आरोपों के बाद ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘एक पाकिस्तानी खिलाड़ी के गृहनगर के बारे में मेरी टिप्पणी का उद्देश्य केवल यह बताना था कि पाकिस्तान के एक खास क्षेत्र से आने के कारण उसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उसका अविश्वसनीय सफर कैसा रहा। यह उस कहानी का हिस्सा है जो हम कमेंटेटर के तौर पर बताते हैं कि खिलाड़ी कहां से आते हैं.
 
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने आज दूसरे क्षेत्रों से आने वाले दो अन्य खिलाड़ियों के लिए भी ऐसा ही किया। कृपया इसका राजनीतिकरण न करें। वैश्विक प्रसारण के लिए एक कमेंटेटर के रूप में हमारा काम खेल, टीमों और खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित कर उनके साहस और दृढ़ता की प्रेरक कहानियों को उजागर करना है। मेरे दिल में कोई दुर्भावना नहीं है या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है.
 
 भारतीय प्रशंसकों ने आईसीसी और बीसीसीआई को टैग करते हुए खेल प्रसारण का ‘राजनीतिकरण’ करने के लिए उन्हें कमेंट्री टीम से हटाने की मांग की।
 
सना ने हालांकि कहा कि उनकी टिप्पणी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और उन्होंने अपने द्वारा इस्तेमाल किए गए शोध स्रोत का एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि इस स्रोत को बाद में अपडेट कर दिया गया है.
 
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैसे चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है और खेलों से जुड़े लोगों पर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है। यह दुखद है कि इसके लिए सार्वजनिक स्तर पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है.