सिडनी
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीगों में खेलने की इजाजत देने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के साथ खेलने से युवाओं को बहुमूल्य अनुभव मिलेगा और उनके खेल में निखार आएगा।
फिलहाल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अपने अनुबंधित खिलाड़ियों को विदेशी टी20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता। कोई भी भारतीय खिलाड़ी केवल तभी विदेशी लीग में खेल सकता है जब वह अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास ले चुका हो और बीसीसीआई से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त कर ले।
हाल ही में अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन बिग बैश लीग (बीबीएल) में शामिल होने वाले पहले शीर्ष भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने सिडनी थंडर के साथ आगामी सीजन के लिए करार किया है।
शास्त्री ने विलो टॉक पॉडकास्ट में कहा,"भारत बहुत बड़ा देश है, यहां हर किसी को मौका नहीं मिल पाता। अगर कोई खिलाड़ी टेस्ट टीम में नहीं आ पा रहा, या उसे बीसीसीआई से लेवल सी या डी का कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला है, तो उसे विदेशी लीग में खेलने से क्यों रोका जाए?"
उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी लीगों में खेलने से खिलाड़ियों को वही अनुभव मिलेगा, जो आईपीएल ने कई युवाओं को दिया है — जहां वे दुनिया के दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेलते हैं।
शास्त्री ने आगे कहा,"ये खिलाड़ी जब रिकी पोंटिंग या स्टीफन फ्लेमिंग जैसे कोचों की निगरानी में खेलते हैं, तो उन्हें खेल की बारीकियों को समझने का मौका मिलता है। वे दबाव झेलना सीखते हैं। मेरे लिए विदेश में खेलने से मिलने वाला अनुभव सबसे बेहतरीन होता है।"
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर युवा खिलाड़ियों को वैश्विक मंच पर खेलने का मौका दिया जाए, तो इससे भारतीय क्रिकेट को ही फायदा होगा।