खेलो भारत सम्मेलन में प्रदर्शन-आधारित वित्तपोषण, जीन परीक्षण पर चर्चा हुई

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 17-07-2025
Performance-based funding, gene testing discussed at Khelo India conference
Performance-based funding, gene testing discussed at Khelo India conference

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
खेल मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा अगले महीने के अंत तक प्रत्येक राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) से पंचवर्षीय योजना मांगे जाने से पहले प्रदर्शन-आधारित वित्त पोषण और महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों के लिए सर्वश्रेष्ठ खेल का पता लगाने हेतु जीन परीक्षण जैसे सुझाव दिए गए.
 
पहले एक दिवसीय ‘खेलो भारत कॉन्क्लेव’ में भारतीय खेलों के शीर्ष हितधारक छह घंटे तक एक ही छत के नीचे मौजूद रहे जिसमें आगे की राह तय करने के लिए पुराने और नए दोनों तरह के विचारों पर विस्तार से चर्चा की गई.
 
भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी का लक्ष्य बना रहा है और उसमें देश को शीर्ष 10 में पहुंचाने से 2047 तक शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में शामिल करने की महत्वाकांक्षा है.
 
मांडविया ने यहां एक होटल के खचाखच भरे समारोह हॉल में कहा, ‘‘सबसे पहले मैं राष्ट्रीय खेल महासंघों से अगस्त तक मुझे पंचवर्षीय नीति देने का आग्रह करता हूं और फिर हम 10 वर्षीय योजना तैयार कर सकते हैं.’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘2026 में होने वाले एशियाई खेलों को देखते हुए हमें एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है क्योंकि हम ना केवल ओलंपिक में पदक जीतना चाहते हैं बल्कि खेलों को एक व्यावसायिक संपत्ति बनाना चाहते हैं जहां हम दुनिया को भारत में आकर खेलने के लिए आमंत्रित कर सकें और लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर में खेल पर्यटन को बढ़ावा दे सकें.’’
 
मांडविया ने राष्ट्रीय खेल महासंघों के भीतर मतभेदों में वैश्विक संस्थाओं को शामिल करने के बजाय इन्हें आंतरिक रूप से सुलझाने के महत्व पर जोर दिया और पता चला है कि कार्यक्रम में मौजूद एनएसएफ के प्रतिनिधियों ने इसा विरोध नहीं किया.
 
तीस ओलंपिक पदक जीतने और खेल प्रशासन में सुधार के बार-बार दोहराए जाने वाले लक्ष्यों के अलावा भाग लेने वाले प्रतिनिधियों की ओर से कुछ दिलचस्प सुझाव भी दिए गए.
 
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के उपाध्यक्ष और पूर्व ओलंपिक कांस्य पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने मंत्रालय से प्रदर्शन से जुड़ी एक वित्त पोषण व्यवस्था बनाने का आग्रह किया.
 
मंत्रालय के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘उनका मानना था कि ऐसे मानक होने चाहिए जो यह निर्धारित करने में मदद कर सकें कि कोई राष्ट्रीय खेल महासंघ प्रदर्शन के मामले में कहां खड़ा है. उनके अनुसार किसी भी वित्तीय प्रोत्साहन को उस प्रदर्शन मूल्यांकन से जोड़ा जाना चाहिए.’’
 
आलोचनाओं से घिरे अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के प्रमुख कल्याण चौबे ने प्रतिभा पहचान के लिए अनुवांशिक परीक्षण का विचार प्रस्तुत किया.
 
सूत्र ने कहा, ‘‘चौबे का मानना था कि हमें यह समझने के लिए एक तंत्र विकसित करना चाहिए कि किसी महत्वाकांक्षी खिलाड़ी के लिए सर्वोत्तम प्रदर्शन हेतु कौन सा खेल सबसे उपयुक्त रहेगा। यह एक दिलचस्प सुझाव था.’’
 
‘जीन परीक्षण’ में खिलाड़ी के डीएनए का विश्लेषण करके उन अनुवांशिक रूपों की पहचान की जाती है जो मांसपेशियों के प्रदर्शन, सहनशक्ति, हृदय प्रदर्शन और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को प्रभावित कर सकते हैं. ये संकेतक किसी विशिष्ट प्रकार के शरीर के लिए आदर्श खेल को अंतिम रूप देने में प्रभावी रूप से मदद कर सकते हैं.
 
इस बीच आईओए के पूर्व महासचिव राजीव मेहता ने सरकार से एशियाई ओलंपिक परिषद और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भारतीयों के अधिक प्रतिनिधित्व के लिए प्रयास करने का आग्रह किया.