फीफा विश्व कप 2026 में लिखा जाएगा नया इतिहास: हजारवां मैच कौन खेलेगा?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-12-2025
New history will be written in the World Cup 2026: who will play the thousandth match?
New history will be written in the World Cup 2026: who will play the thousandth match?

 

आवाज़ द वॉयस / नई दिल्ली

फुटबॉल इतिहास के सबसे बड़े और सबसे भव्य आयोजन फीफा विश्व कप 2026,का पूरा ढांचा अब दुनिया के सामने है। यह टूर्नामेंट कई मायनों में ऐतिहासिक होगा। 1930 में मोंटेवीडियो में खेले गए फ्रांस बनाम मेक्सिको मैच से शुरू हुई विश्व कप यात्रा अब अपने 1000वें मुकाबले तक पहुंचने वाली है। फीफा के अनुसार, यह ऐतिहासिक मैच 20 जून 2026 को जापान और ट्यूनीशिया के बीच मॉन्टेरी में खेला जाएगा। यही वह पल होगा जब फुटबॉल के एक सदी पुराने रोमांचक सफर का मील का पत्थर दर्ज होगाI
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2026 विश्व कप अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा की संयुक्त मेजबानी में आयोजित होगा और यह संरचना के लिहाज़ से अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा। 48 टीमें, 104 मैच, और 16 शहरों में फैलने वाले इस विश्व कप की शुरुआत 11 जून से होगी और फाइनल 19 जुलाई को न्यूयॉर्क में खेला जाएगा। टूर्नामेंट का आकार बढ़ने के साथ-साथ इसका राजनीतिक, कूटनीतिक और खेल-संबंधी महत्व भी कई गुना बढ़ गया है।

सबसे दिलचस्प सवाल जो आज विश्व फुटबॉल पर छाया हुआ है,क्या 2026 विश्व कप में कोई मुस्लिम देश पहली बार विश्व चैंपियन बन सकता है? मेसी और रोनाल्डो जैसे दिग्गज खिलाड़ियों का दौर लगभग समाप्ति पर है, और यही वजह है कि फुटबॉल की शक्ति-समीकरण पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। ब्राज़ील, अर्जेंटीना, जर्मनी और फ्रांस जैसी पारंपरिक फुटबॉल महाशक्तियों के बीच अब मुस्लिम देशों का उभार भी निर्णायक कहानी बन रहा है।

सऊदी अरब 2022 में अर्जेंटीना को हराकर दुनिया को चौंका चुका है और अब दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ियों की पसंदीदा लीग का केंद्र बन रहा है। मोरक्को ने पिछले विश्व कप में सेमीफाइनल में पहुंचकर अरब दुनिया में नई उम्मीद जगाई थी। ईरान, मिस्र और ट्यूनीशिया भी लगातार अपने प्रदर्शन से यह संकेत दे रहे हैं कि फुटबॉल का भविष्य सिर्फ यूरोप और दक्षिण अमेरिका के इर्द-गिर्द नहीं घूमेगा।

इसी पृष्ठभूमि में 2026 विश्व कप का ग्रुप स्टेज बेहद रोचक आकार ले चुका है। ग्रुप C में ब्राज़ील और मोरक्को आमने-सामने आ रहे हैं—एक फुटबॉल महाशक्ति, दूसरी उभरती हुई अरब ताकत। ग्रुप G में मिस्र और ईरान जैसे दो मुस्लिम देशों के बीच मुकाबला दिलचस्प रहेगा। ग्रुप H में सऊदी अरब सीधे स्पेन जैसी मजबूत टीम से भिड़ेगा। वहीं, ग्रुप J में अल्जीरिया और जॉर्डन जैसे देशों का प्रदर्शन अरब दुनिया की उम्मीदें तय करेगा।

पूरा टूर्नामेंट एक व्यापक भौगोलिक दायरे में फैला है-अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा की संयुक्त मेजबानी केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि वैश्विक फुटबॉल राजनीति का नया संकेत है। यह टूर्नामेंट खेल से कहीं अधिक, एक कूटनीतिक पुल और आर्थिक प्रभाव का प्रतीक बन चुका है।
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अब दुनिया की निगाहें 20 जून के उस मैच पर भी टिकी हैं, जब जापान और ट्यूनीशिया विश्व कप के हजारवें मैच में आमने-सामने होंगे। और इसके साथ-साथ दुनिया यह भी देखेगी कि 2026 विश्व कप में कौन-सी टीम अपने नाम इतिहास लिखती है। क्या यह ब्राज़ील, अर्जेंटीना या जर्मनी जैसी दिग्गज होगी, या इस बार कोई मुस्लिम राष्ट्र-मोरक्को, सऊदी अरब, अल्जीरिया या ट्यूनीशिया,नई फुटबॉल शक्ति बनकर उभरेगा?

एक महीने से भी ज्यादा चलने वाला यह महासमर रोमांच, आश्चर्य, रणनीति और इतिहास का अनूठा संगम होने जा रहा है। और अब दुनिया एक ही सवाल का इंतज़ार कर रही है—2026 की विश्व चैंपियन कौन?