लॉस एंजेलिस में तीरंदाजी का पहला ओलंपिक पदक जीत सकते हैं ज्योति और ऋषभ

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 18-09-2025
Jyoti and Rishabh can win archery's first Olympic medals in Los Angeles
Jyoti and Rishabh can win archery's first Olympic medals in Los Angeles

 

नई दिल्ली

भारतीय मिश्रित टीम के शीर्ष तीरंदाज, ऋषभ यादव और अनुभवी ज्योति सुरेखा वेन्नम, इस बात से आश्वस्त हैं कि लॉस एंजेलिस 2028 ओलंपिक में कंपाउंड मिश्रित तीरंदाजी स्पर्धा के जरिए वे भारत को इस खेल में पहला ऐतिहासिक पदक दिला सकते हैं। इस साल अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत यह जोड़ी दुनिया की नंबर एक मिश्रित कंपाउंड टीम बन गई है, और उनका मानना है कि उनका तालमेल और अनुभव उन्हें इस बड़ी उपलब्धि तक ले जा सकता है।

ज्योती और ऋषभ की जोड़ी ने 2025 में विश्व मंच पर अपना दबदबा साबित किया है। उन्होंने अप्रैल में अमेरिका में हुए तीरंदाजी विश्व कप के पहले चरण में स्वर्ण पदक जीता और फिर जुलाई में मैड्रिड, स्पेन में कुल 1431 का स्कोर करके एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इस रिकॉर्ड ने डेनमार्क के तंजा जेलेंथियेन और मथियास फुलेर्टन द्वारा 2023 यूरोपीय खेलों में बनाए गए 1429 अंकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। व्यक्तिगत रैंकिंग में भी, गुरुग्राम के 23 वर्षीय ऋषभ पांचवें और आंध्र प्रदेश की 29 वर्षीय ज्योति तीसरे स्थान पर हैं, जो उनके व्यक्तिगत कौशल को दर्शाता है।

भाषा से खास बातचीत में ऋषभ ने ओलंपिक में पदक की संभावना पर कहा, "इस साल मिश्रित टीम में हमारा प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। मैंने और ज्योति दीदी ने इस साल तीन बार साथ खेला है और हर बार पदक जीता है। हमने विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा है और हम लॉस एंजेलिस 2028 की ओर बहुत मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं।"

ज्योति ने भी ऋषभ के साथ अपने तालमेल की सराहना की। उन्होंने कहा, "मैं ऋषभ को कई सालों से जानती हूँ और 2021 में एशियाई चैंपियनशिप में उसके साथ रजत पदक जीता था। हमारा आपसी तालमेल बहुत अच्छा है। यह अच्छी बात है कि 2028 ओलंपिक में कंपाउंड तीरंदाजी भी है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके पदक जीतने की पूरी कोशिश करेंगे।"

भारतीय तीरंदाजी टीम ने पेरिस 2024 ओलंपिक में पदक जीतने का एक सुनहरा मौका गंवा दिया था, लेकिन धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत की जोड़ी रिकर्व मिश्रित टीम सेमीफाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय जोड़ी बनकर इतिहास रच गई थी। वे मामूली अंतर से सेमीफाइनल और कांस्य पदक का मुकाबला हारकर चौथे स्थान पर रहे, जो भारत का ओलंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। ऋषभ ने इस पर कहा, "पिछले ओलंपिक में भारतीय तीरंदाज पदक के बहुत करीब थे। उम्मीद है कि अगली बार हम इस आखिरी बाधा को भी पार कर लेंगे।"

अक्टूबर में शुरू होने वाली पहली तीरंदाजी प्रीमियर लीग को लेकर भी दोनों खिलाड़ी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि यह लीग उन्हें ओलंपिक और विश्व चैंपियंस के साथ खेलने का मौका देगी, जिससे उनकी तैयारी को नई दिशा मिलेगी। ऋषभ ने कहा, "इस लीग में हमारी टीम में पाँच बार के ओलंपिक पदक विजेता अमेरिका के ब्रेडी एलिसन हैं। इसके साथ ही, तोक्यो ओलंपिक चैंपियन तुर्की के मेटे गाजोज भी हैं, जिनसे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।"

ज्योति को उम्मीद है कि अन्य खेलों की तरह तीरंदाजी को भी इस लीग से काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा, "कई खेलों में लीग शुरू होने के बाद उनका बहुत विकास हुआ है, नए दर्शक और नई प्रतिभाएँ सामने आई हैं। लोग खेल को एक करियर के विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं। हम भी यही उम्मीद कर रहे हैं।"

ज्योति, जो 2007 से तीरंदाजी कर रही हैं और 2011 से भारतीय टीम का हिस्सा हैं, कहती हैं कि उन्होंने भारतीय तीरंदाजी का ग्राफ ऊपर जाते देखा है। उन्होंने कहा, "पिछले दो-तीन सालों से हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। हमारे पास विश्व चैंपियन हैं, टीम विश्व चैंपियन है और पुरुष टीम ने इस बार भी विश्व चैंपियनशिप जीती है, तो भविष्य बहुत उज्जवल दिख रहा है।"