दुबई
भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव का यूएई क्रिकेट टीम पर कोई असर नहीं पड़ा है, जिसमें दोनों देशों के प्रवासी खिलाड़ी शामिल हैं। टीम के कप्तान मोहम्मद वसीम ने यह स्पष्ट किया कि उनकी टीम इन मुद्दों से पूरी तरह अलग है और सभी खिलाड़ी एक परिवार की तरह साथ रहते और खेलते हैं।
यूएई टीम में भारत और पाकिस्तान मूल के खिलाड़ियों की संख्या लगभग बराबर है। टीम में एक ओर सिमरनजीत सिंह, राहुल चोपड़ा, हर्षित कौशिक, ध्रुव पाराशर और अलीशान शराफु हैं, तो दूसरी ओर मुल्तान में जन्मे कप्तान वसीम, हैदर अली, जुनैद सिद्दीकी, मोहम्मद रोहिद और आसिफ खान जैसे पाकिस्तानी मूल के खिलाड़ी शामिल हैं।
वसीम ने कहा, “हम इस बारे में (भारत-पाक तनाव) बात नहीं करते। हम साथ में क्रिकेट खेलते हैं, एक परिवार की तरह रहते हैं। हमारी टीम में कोई भारतीय या पाकिस्तानी नहीं है, हम सिर्फ यूएई टीम के खिलाड़ी हैं।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर है, जिसमें 26 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसी तनाव के चलते एशिया कप में भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा से टॉस के समय हाथ नहीं मिलाया था और मैच के बाद भी कोई औपचारिकता नहीं निभाई गई थी। भारत ने ऐसा, शहीदों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए किया।
इस घटनाक्रम से नाराज पाकिस्तान टीम ने मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट पर आरोप लगाया कि उन्होंने पारंपरिक अभिवादन को रोका, और पाकिस्तान ने विरोध में यूएई के खिलाफ मैच शुरू करने में देरी की। बाद में पाकिस्तान ने दावा किया कि उन्हें रेफरी से माफी मिली, हालांकि आईसीसी ने इस बात का खंडन किया और कहा कि कोई गलती नहीं हुई थी।
यूएई को उस मैच में 41 रन से हार मिली, हालांकि टीम ने गेंदबाज़ी में शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को 146/9 पर रोक दिया। दिलचस्प बात यह है कि यूएई समय पर स्टेडियम पहुंच गया था और पाकिस्तान की देरी के चलते वो चाहते तो वॉकओवर की मांग कर सकते थे, लेकिन कप्तान वसीम ने ऐसा कोई विचार नहीं किया।
उन्होंने कहा, “यह हमारी ज़िम्मेदारी नहीं थी। हमारा काम सिर्फ खेलना था और हमने वही किया। हमें फर्क नहीं पड़ता कि मैच समय पर हो या देर से, हमारा ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर था।”
वसीम ने किसी भी विवाद से बचते हुए कहा, “हमारे बॉलिंग प्रदर्शन को देखकर क्या आपको लगता है कि हमारी तैयारी में कोई बाधा आई थी?”
वसीम, जो 2021 में पीएसएल में मुल्तान सुल्तान्स के लिए खेले थे और 2024 में इस्लामाबाद यूनाइटेड के लिए चुने गए थे (लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के कारण नहीं खेल पाए), ने स्पष्ट किया कि उनका फोकस केवल खेल पर है।
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज़ हारिस रऊफ, जिन्होंने इस मैच में दो विकेट लिए, ने भी विवाद से दूरी बनाए रखी। उन्होंने कहा, “इन सब बातों का मुझ पर कोई असर नहीं था क्योंकि यह सब मेरे नियंत्रण में नहीं था। यह बोर्ड की जिम्मेदारी थी और उन्होंने इसे संभाल लिया।”
भारत और पाकिस्तान के बीच अब अगला मुकाबला सुपर-4 स्टेज में रविवार को होगा और भारतीय टीम पहले ही साफ कर चुकी है कि 'नो हैंडशेक' नीति जारी रहेगी। यदि दोनों टीमें फाइनल में पहुंचती हैं, तो 28 सितंबर को एक और टक्कर संभव है।