चोट से जूझते प्रवीण को कांस्य , भारत का विश्व पैरा एथलेटिक्स में अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-10-2025
Injured Praveen wins bronze, India's best ever performance at World Para Athletics
Injured Praveen wins bronze, India's best ever performance at World Para Athletics

 

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (भाषा)

पेरिस पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता प्रवीण कुमार को विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में चोट के चलते अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से पीछे रह जाना पड़ा और उन्हें टी64 ऊंची कूद में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। वहीं, एकता भयान क्लब थ्रो स्पर्धा में रजत पदक जीतकर संतुष्ट नज़र आईं, हालांकि वह अपना खिताब बरकरार नहीं रख सकीं।

शनिवार को भारत को इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में एक रजत और दो कांस्य पदक मिले। इसके साथ ही भारत की कुल पदक संख्या 18 (6 स्वर्ण, 7 रजत, 5 कांस्य) पहुंच गई है, जो विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले भारत ने 2024 में कोबे (जापान) में 17 पदक (6-5-6) हासिल किए थे।

पदक तालिका में ब्राज़ील 37 पदकों (12 स्वर्ण, 18 रजत, 7 कांस्य) के साथ शीर्ष पर बना हुआ है।

चोटिल प्रवीण नहीं दोहरा सके पुराना जलवा

22 वर्षीय प्रवीण कुमार से स्वर्ण पदक की उम्मीदें थीं, लेकिन कूल्हे की चोट ने उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया। उन्होंने 2.00 मीटर की ऊंचाई जरूर पार की, लेकिन 2.03 मीटर के अपने तीनों प्रयासों में असफल रहे और तीसरे स्थान पर रहे।

स्वर्ण पदक उज्बेकिस्तान के तेमुरबेक गियाजोव को मिला जिन्होंने 2.03 मीटर की छलांग लगाई, जबकि ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम-एडवर्ड्स ने 2.00 मीटर के साथ रजत जीता। खास बात यह रही कि जोनाथन ने दो मीटर की ऊंचाई पहले प्रयास में पार की जबकि प्रवीण को दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली।

प्रवीण ने कहा,"मैं पिछले 10-12 दिनों से कूल्हे की चोट से परेशान हूं, इसलिए रन-अप छोटा कर दिया था। टेक-ऑफ के समय बहुत दर्द होता था, यहां तक कि खड़ा होने में भी दिक्कत हो रही थी। मैं बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि मैंने अभ्यास में 2.07 मीटर तक छलांग लगाई थी।"

इस स्पर्धा में भारत के बंटी भी शामिल थे, जिन्होंने 1.87 मीटर की व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ छठा स्थान प्राप्त किया।

एकता भयान को रजत, खिताब नहीं बचा सकीं

एफ51 क्लब थ्रो स्पर्धा में एकता भयान ने 19.80 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता। हालांकि, वह 2024 का स्वर्ण पदक नहीं बचा सकीं।

यूक्रेन की ज़ोइया ओवसी ने 24.03 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण जीत लिया। जबकि तटस्थ पैरा एथलीट एकातेरिना पोटापोवा ने 18.60 मीटर के साथ कांस्य अपने नाम किया।

एकता ने पदक जीतने के बाद कहा,"मैं बहुत खुश हूं, यह मेरा तीसरा विश्व पदक है। मैं अपने प्रदर्शन को दोहरा सकी, यह संतोषजनक है। अब मेरी नजर 2028 लॉस एंजेल्स पैरालंपिक पर है।"

सोमन राणा को कांस्य, रजत में तब्दील हो सकता है पदक

भारत को तीसरा पदक पुरुषों की एफ57 शॉटपुट स्पर्धा में सोमन राणा ने दिलाया। 42 वर्षीय सेना के जवान ने 14.69 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो चौथे प्रयास में आया।

हालांकि, इस स्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहे ब्राजील के थियागो डॉस सैंटोस के खिलाफ अपील दायर की गई है। यदि अपील स्वीकार होती है, तो राणा का पदक रजत में बदल सकता है।
चैंपियनशिप की वेबसाइट पर शनिवार देर शाम राणा को रजत पदक विजेता दिखाया गया, लेकिन आयोजकों ने स्पष्ट किया कि

"फैसला रविवार को सुनवाई के बाद लिया जाएगा।"सोमन राणा का यह पदक उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का सबसे बड़ा पदक है। 2006 में सेना में सेवा के दौरान बारूदी सुरंग धमाके में उन्होंने अपना दाहिना पैर खो दिया था।

इस स्पर्धा में भारत के दो अन्य खिलाड़ी होकाटो होटोझे सेमा (14.35 मीटर) और शुभम जुयाल (13.72 मीटर) क्रमशः छठे और सातवें स्थान पर रहे।

यासीन खोसरावी का दबदबा कायम

33 वर्षीय यासीन खोसरावी ने 16.60 मीटर के विश्व रिकॉर्ड थ्रो के साथ एफ57 शॉटपुट स्पर्धा का खिताब तीसरी बार अपने नाम किया। उनके सभी थ्रो 15 मीटर से अधिक थे, जो उनकी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म को दर्शाता है।

इस चैंपियनशिप में भारत ने अब तक जो प्रदर्शन किया है, वह इतिहास में स्वर्णिम अध्याय की तरह दर्ज किया जाएगा। रविवार को आखिरी दिन है और भारत को और पदकों की उम्मीद है। चोटों के बावजूद भारतीय एथलीटों की दृढ़ता और संकल्प ने पूरी दुनिया को एक बार फिर दिखा दिया कि सीमाओं के पार भी जीत की उड़ान मुमकिन है।