कोवलून (हांगकांग)
भारतीय फुटबॉल टीम को 2027 एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर के एक अहम मुकाबले में बड़ा झटका लगा है. मंगलवार को कोवलून के काई टेक स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत को मेज़बान हांगकांग के हाथों इंजरी टाइम में मिले गोल की वजह से 0-1 से हार का सामना करना पड़ा.
मैच का एकमात्र निर्णायक गोल 90+4वें मिनट में स्टीफन परेरा ने पेनल्टी पर दागा. यह पेनल्टी तब मिली जब भारतीय गोलकीपर विशाल कैथ ने गोल बचाने की कोशिश में हांगकांग के माइकल उदेबुलुजोर के खिलाफ फाउल कर दिया. इसके लिए उन्हें पीला कार्ड भी दिखाया गया। परेरा ने मौके का फायदा उठाते हुए गेंद को कैथ के दाईं ओर नेट में डाल दिया.
इस हार के साथ भारत की एशियाई कप 2027 में क्वालीफाई करने की उम्मीदों को गहरा धक्का लगा है.टीम का हालिया प्रदर्शन पहले से ही सवालों के घेरे में था और अब यह हार उसकी कमजोर फिनिशिंग और रणनीतिक कमज़ोरी को और उजागर करती है. भारत की फीफा रैंकिंग अब गिरकर 133 तक पहुंच सकती है, जबकि हांगकांग को इस जीत से महत्वपूर्ण अंक मिलेंगे.
भारतीय कोच मनोलो मारक्वेज ने अनुभवी स्ट्राइकर और देश के सबसे सफल गोल स्कोरर सुनील छेत्री को शुरुआती एकादश में जगह नहीं दी, जो कई फुटबॉल प्रेमियों के लिए हैरान करने वाला फैसला रहा. हालांकि दूसरे हाफ में उन्हें मैदान में उतारा गया, लेकिन वह भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए.
मैच के पहले हाफ में भारत ने कुछ अच्छे मौके बनाए। 35वें मिनट में आशिक कुरुनियन ने लिस्टन कोलासो के शानदार क्रॉस पर गोल करने का सुनहरा मौका गंवा दिया. कुछ देर बाद कोलासो ने खुद एक लंबा शॉट लिया, जो सीधा विपक्षी गोलकीपर के हाथों में चला गया.
हांगकांग ने पहले हाफ में गेंद पर ज्यादा नियंत्रण बनाए रखा और एक बार गोल करने के करीब भी पहुंच गया, लेकिन आशीष राय की सतर्कता ने संकट टाल दिया.
दूसरे हाफ में छेत्री और नाओरेम सिंह को मैदान में उतारा गया. भारत ने आक्रामक रुख अपनाया, लेकिन गोल करने में सफल नहीं हो पाया। 81वें मिनट में लालियानजुआला छांगटे के पास पर छेत्री का शॉट चूक गया और गोल का मौका हाथ से निकल गया.
मार्च में बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू मैच में गोल रहित ड्रॉ के बाद यह लगातार दूसरा निराशाजनक नतीजा है. इसके बाद से कोच मनोलो मारक्वेज़ के भविष्य को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं. बताया जा रहा है कि वह इंडियन सुपर लीग की टीम एफसी गोवा में अपनी भूमिका बनाए रखना चाहते हैं और एआईएफएफ से राष्ट्रीय टीम की ज़िम्मेदारी छोड़ने का अनुरोध कर सकते हैं.
हालांकि, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि मनोलो को एकतरफा पद छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि उनका दो साल का अनुबंध है। AIFF सूत्रों के अनुसार, "अगर वह पद छोड़ना चाहते हैं, तो उन्हें औपचारिक रूप से अनुरोध करना होगा, और यह केवल आपसी सहमति के बाद ही संभव हो पाएगा."