गिल ने संभाला मोर्चा, भारत के दूसरे दिन लंच तक चार विकेट पर 427 रन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 11-10-2025
Gill takes charge as India reach 427 for four at lunch on day two
Gill takes charge as India reach 427 for four at lunch on day two

 

नयी दिल्ली
 
कप्तान शुभमन गिल ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की जमकर धुनाई करते हुए अपने दसवें टेस्ट शतक की तरफ मजबूत कदम बढ़ाए जिससे भारत ने दूसरे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन लंच तक चार विकेट पर 427 रन बना लिए।
 
लंच के समय गिल 75 रन बनाकर खेल रहे थे। उनके साथ ध्रुव जुरेल सात रन पर खेल रहे थे।
 
दिन की शुरुआत में यशस्वी जायसवाल (175 रन, 258 गेंद) दुर्भाग्यवश रन आउट हो गए, लेकिन गिल की एकाग्रता में कोई कमी नहीं आई। उन्होंने अभी तक अपनी पारी में 11 चौके और एक छक्का जड़ा है।
 
नीतीश कुमार रेड्डी (54 गेंदों पर 43 रन) को पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था ताकि उन्हें क्रीज पर समय बिताने का पर्याप्त मौका मिले। उन्होंने वारिकन का तीसरा शिकार बनने से पहले तेजी से रन बनाए और गिल के साथ चौथे विकेट के लिए 17.1 ओवर में 91 रन जोड़े।
 
गिल ने अपनी पारी में कई आकर्षक शॉट लगाए। जब जेडन सील्स ने मिडिल लेग पर गेंद डाली तो गिल ने मिड-विकेट क्षेत्र में उसे फ्लिक किया। जब जस्टिन ग्रीव्स को आक्रमण पर लाया गया, तो उनकी गति की कमी के कारण गिल ने आगे बढ़कर मिड-विकेट के ऊपर से अपना पहला छक्का जड़ा।
 
भारतीय कप्तान ने एंडरसन फिलिप पर भी लेग साइड में खूबसूरत चौका लगाया। इस तेज गेंदबाज पर लगाया गया उनका ऑन ड्राइव दर्शनीय था।
 
रेड्डी ने भी अपने कौशल का अच्छा नमूना पेश किया। उन्होंने सील्स की गेंद पर कवर ड्राइव से शुरुआत और फिर स्लिप कॉर्डन से दो और चौके लगाए। वारिकन की गेंद पर फिलिप ने उनका कैच छोड़ा जिसका फायदा उठाकर उन्होंने इसी गेंदबाज पर लॉन्ग ऑन के ऊपर से छक्का लगाया।
 
जायसवाल ने जिस तरह से पहले दिन बल्लेबाजी की थी उसे देखते हुए वेस्टइंडीज के गेंदबाजों के लिए उन्हें आउट करना मुश्किल लग रहा था लेकिन वह दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट हो गए। वह तेजी से रन चुराना चाह रहे थे लेकिन गिल ने उन्हें आधी पिच से वापस भेज दिया जिससे वह रन आउट हो गए।
 
गिल को भी इसके लिए कुछ हद तक ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है क्योंकि यह जायसवाल का फ़ैसला था। अगर गिल ने अपने साथी पर भरोसा किया होता और दौड़ना जारी रखा होता, तो एक रन लगभग तय लग रहा था।