रायपुर शहर में जब भी किसी मानवीय मुद्दे की चर्चा होती है, तब अपराध, न्यायालय, न्यायिक प्रक्रिया, अभियोजन व पुलिस विभाग, मानवाधिकार, न्यायिक सुधार और समाज के लिए उनकी सक्रिय भूमिका का जिक्र किया जाता है. इन्हीं सब मुद्दों के जानकार व प्रसिद्ध क्रिमिनल लॉयर फैसल रिज़वी का नाम लिया जाता है. आवाज द वाॅयस के ‘द चेंज मेकर्स’ सीरिज के लिए रायपुर से पेश है हमारी सहयोगी मंदाकिनी मिश्रा की यह खास रिपोर्ट.
फैसल रिज़वी का जन्म एक सुसंस्कृत एवं शिक्षित परिवार में हुआ है. स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने विधि (Law) को चुना. वर्ष 1995में सीएलसी कॉलेज, रायपुर से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने एलएलएम भी किया. लॉ की पढ़ाई के दौरान ही वे अदालतों के कामकाज, न्यायिक प्रक्रियाओं और संविधान की बारीकियों को गहराई से समझने लगे.
फैसल रिज़वी तल्लीनता, संघर्षशीलता और अथक मेहनत से आज एक जाने-माने क्रिमिनल लॉयर के रूप में पहचान बना चुके हैं. तेज़-तर्रार दलीलों, मजबूत कानूनी पकड़ और न्याय के लिए उनकी अदम्य जिजीविषा ने उन्हें छत्तीसगढ़ के जाने-माने क्रिमिनल लॉयर की पहचान दिलाई है.
फैसल रिज़वी ने बचपन से ही परख की प्रवृत्ति अपनाई. दिलचस्पी हमेशा विधि व कानून के क्षेत्र में रही. सामाजिक मुद्दों की समझ और कानून की जानकारी ने उन्हें और निखारा. इसी कारण उन्होंने विधि की उच्च शिक्षा के लिए कानून की पढ़ाई के दौरान न्यायिक दृष्टिकोण, संविधान की बारीकियां समाज और प्रशासन की कार्यप्रणाली को गहराई से समझने की कोशिश की.
कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद फैजल रिज़वी ने रायपुर की अदालत से वकालत की शुरुआत की. फैसल हमेशा तथ्यों के आधार पर केस लड़ते हैं.
फैसल रिजवी 25वर्षों से छत्तीसगढ़ स्टेट बार कांउसिल के सदस्य हैं. 2002में पहली बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य चुने गए, उसके बाद लगातार महत्वपूर्ण पदों पर रहे. उन्होंने उपाध्यक्ष और महासचिव जैसे दायित्वों का भी निर्वहन किया है. समाज व अदालत में अपनी भूमिका निभाते हुए तथा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं संस्थानों से जुड़कर काम कर रहे हैं. वे विधि एवं शिक्षा से जुड़ी संस्थाओं में जुड़े हुए हैं.
विधि की आगे बढ़ती पीढ़ी को देखते हुए इस उद्देश्य से अपने पिता की स्मृति में 10000से अधिक छात्रों को दण्ड संहिता एवं संविधान की किताबें निःशुल्क प्रदान की हैं.
फैसल रिजवी की सबसे बड़ी ताकत है क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन
फैसल रिजवी बताते हैं कि लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद फैसल रिजवी ने रायपुर की अदालत से वकालत की शुरुआत की. शुरुआती दौर में उन्होंने छोटे-छोटे मामलों को संभाला, लेकिन जल्द ही उनकी पहचान एक ऐसे वकील के रूप में बनने लगी जो कठिन से कठिन आपराधिक मामलों को भी मजबूती से लड़ते हैं. फैसल रिजवी की सबसे बड़ी ताकत है उनकी क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन (जिरह) की कला. कोर्ट में उनके सवाल और तर्क विपक्ष को असहज कर देते हैं.
उन्होंने हत्या, लूट, आर्थिक अपराध, साइबर क्राइम और नक्सल संबंधी मामलों तक में अपने मुवक्किलों की पैरवी की है. उनकी विशेषता है कि वे केस को सिर्फ क़ानून की किताबों से नहीं, बल्कि गहन रिसर्च और तथ्यों के आधार पर लड़ते हैं.
ऐसी है छवि और पहचान
फैसल रिजवी को एक तेज़-तर्रार, निडर और ईमानदार वकील माना जाता है. वे कोर्टरूम में जितने गंभीर और सख्त रहते हैं, उतने ही जमीन से जुड़े और मिलनसार स्वभाव के लिए भी पहचाने जाते हैं. उनका मानना है कि हर व्यक्ति को निष्पक्ष न्याय पाने का हक है, और वकील का धर्म है कि वह अपने मुवक्किल के अधिकारों की रक्षा पूरी ईमानदारी से करे.
छत्तीसगढ़ में कई हाई-प्रोफाइल केसों में फैसल रिज़वी की दलीलों ने सुर्खियां बटोरीं. चाहे वह संगठित अपराध से जुड़े केस हों या फिर राजनीति से जुड़े विवादास्पद मुकदमे—उन्होंने हमेशा अपने मुवक्किल के पक्ष को मजबूती से पेश किया.
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
अपनी पैनी कानूनी समझ, समाजिक सरोकारों और अथक मेहनत से उन्होंने वकालत की दुनिया में एक खास पहचान बनाई है. आज फैसल रिजवी का नाम छत्तीसगढ़ के कानूनी जगत में सम्मान के साथ लिया जाता है. युवा वकीलों के लिए वे एक प्रेरणा हैं. वे अक्सर लॉ कॉलेजों और सेमिनारों में जाकर विद्यार्थियों को क्रिमिनल लॉ की बारीकियां और व्यावहारिक अनुभव साझा करते हैं. फैसल कहते हैं कि युवाओं को किताबें पढ़नी चाहिए, जिससे समझने में सहायता मिलती है.
ऐसे हुई वकालत की शुरुआत और पहचान
कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद रिजवी ने रायपुर की अदालत से वकालत की शुरुआत की. जल्द ही वे अपनी सटीक दलीलों और गहरी कानूनी जानकारी की वजह से चर्चित हो गए. वे छत्तीसगढ़ स्टेट बार कांउसिल के सदस्य हैं. 2002में पहली बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य चुने गए, उसके बाद लगातार महत्वपूर्ण पदों पर रहे. उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया में उपाध्यक्ष और महासचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी भी उन्होंने निभाई.
ये हैं फैसल रिजवी के हाईप्रोफाइल केस, जिसमें बड़ी जीत मिली
1-विनोद वर्मा सेक्स-सीडी केस: वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा पर सेक्स-सीडी प्रकरण में मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस समय पर चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई. इस आधार पर फैसल रिज़वी ने उनकी जमानत की पैरवी की और अदालत से सफलता पाई. यह केस उनकी गहरी कानूनी समझ और रणनीति का उदाहरण है.
2- छत्तीसगढ़ कोल-लेवी घोटाला केस: यह मामला राज्य की राजनीति और प्रशासन से जुड़ा एक बड़ा घोटाला था, जिसमें करोड़ों रुपये की अवैध वसूली का आरोप था. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में कई IAS अधिकारी और सरकारी अफसर फंसे. फैसल रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी पैरवी की और अंतरिम जमानत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.