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इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में भारत की हार के दौरान उसके गेंदबाजी आक्रमण की अनुभवहीनता साफ नजर आई, लेकिन टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने तेज गेंदबाजों का बचाव करते हुए कहा कि इन खिलाड़ियों के करियर की शुरुआत ही हुई है, इसलिए उन्हें थोड़ा समय दिया जाना चाहिए।
गंभीर ने भारत की पांच विकेट से हार के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमें इन गेंदबाजों को समय देना होगा। पहले हमारी टीम में चार ऐसे तेज गेंदबाज होते थे जिन्हें 40 से ज्यादा टेस्ट मैचों का अनुभव था। सीमित ओवरों के मुकाबलों में यह इतना असर नहीं डालता, लेकिन जब आप टेस्ट क्रिकेट के लिए इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों का दौरा करते हैं, तो अनुभव का बहुत महत्व होता है।"
पहले टेस्ट में केवल जसप्रीत बुमराह ही गेंदबाजी में प्रभावशाली दिखे, जिन्होंने पहली पारी में पांच विकेट लिए। बाकी गेंदबाज – प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर – अपनी लाइन और लेंथ में निरंतरता नहीं दिखा सके। इंग्लैंड ने आखिरी दिन 371 रनों का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया।
गंभीर ने कहा, "अगर हम हर टेस्ट मैच के बाद अपने गेंदबाजों का आंकलन करने लगेंगे तो एक मजबूत गेंदबाजी आक्रमण कैसे तैयार होगा? बुमराह और सिराज को छोड़कर बाकी गेंदबाजों के पास उतना अनुभव नहीं है, लेकिन उनमें गुणवत्ता है। इसी वजह से वे भारतीय टीम का हिस्सा हैं।"
उन्होंने यह भी जोड़ा, "हमें इन खिलाड़ियों का समर्थन करते रहना होगा, क्योंकि यह सिर्फ एक सीरीज की बात नहीं है, बल्कि एक ऐसे तेज गेंदबाजी आक्रमण को तैयार करने की प्रक्रिया है जो लंबे समय तक भारत की सेवा कर सके।"
भारतीय टीम में शामिल अन्य युवा तेज गेंदबाजों में अर्शदीप सिंह ने अब तक कोई टेस्ट नहीं खेला है, जबकि हर्षित राणा केवल दो टेस्ट खेल चुके हैं।
प्रसिद्ध कृष्णा ने हालांकि मैच में पांच विकेट लिए, लेकिन उन्होंने काफी रन भी खर्च किए। गंभीर ने कहा कि उनके पास "एक बेहतरीन टेस्ट गेंदबाज बनने की क्षमता है।"
उन्होंने शार्दुल ठाकुर का भी बचाव किया, जिन्होंने पूरे मैच में सिर्फ 16 ओवर फेंके। गंभीर ने कहा, "कप्तान को मैदान की परिस्थितियों को देखकर निर्णय लेना होता है। रविंद्र जडेजा ने पहली पारी में हमें संतुलन प्रदान किया, जिससे हम तेज गेंदबाजों को रोटेट कर सके।"
उन्होंने आगे कहा, "हम जानते हैं कि शार्दुल की क्या ताकत है और इसलिए वह भारतीय टीम का हिस्सा हैं। सिर्फ इसलिए कि वह चौथे तेज गेंदबाज हैं, इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें स्पिनर से पहले गेंदबाजी दी जाए।"
मैच की दोनों पारियों में भारत की शुरुआत अच्छी रही लेकिन निचले क्रम का योगदान निराशाजनक रहा। पहली पारी में भारत ने 41 रन के अंदर अपने सात विकेट गंवाए, जबकि दूसरी पारी में 31 रन के भीतर छह विकेट गिर गए, जिससे टीम को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
इस पर गंभीर ने कहा, "यह कहना सही नहीं होगा कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे रहे थे। मैं जानता हूं कि यह निराशाजनक है, लेकिन इससे ज्यादा निराश वे खुद हैं, क्योंकि उन्हें पता था कि हमारे पास मौका था। अगर हम पहली पारी में 570-580 रन तक पहुंच जाते तो हम मैच पर बेहतर पकड़ बना सकते थे। हालांकि, हार का यह एकमात्र कारण नहीं है।"
कप्तान के रूप में शुभमन गिल का यह पहला टेस्ट था और उन्होंने शानदार शतक जड़ा। गंभीर ने उनकी कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा, "यह उनका पहला मैच था, थोड़ी घबराहट स्वाभाविक है। यह बहुत कम लोगों को ऐसा मौका मिलता है और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। उनमें एक सफल कप्तान बनने की सारी संभावनाएं हैं, हमें बस उन्हें समय देना होगा।"