नई दिल्ली।
भारतीय स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार, 12 दिसंबर को अपने संन्यास के फैसले को पलटते हुए दोबारा मैट पर लौटने का ऐलान कर दिया। पेरिस ओलंपिक के दर्दनाक अनुभव के बाद उन्होंने अचानक कुश्ती को अलविदा कह दिया था, लेकिन अब 31 वर्षीय विनेश ने साफ कर दिया है कि उनका ओलंपिक सपना अधूरा नहीं रहेगा और वे 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पदक की दौड़ में उतरेंगी। जुलाई 2025 में बेटे को जन्म देने वाली विनेश ने कहा कि अब उनकी इस “दूसरी पारी” में उनका नन्हा बेटा उनका सबसे बड़ा मोटिवेशन और सबसे प्यारा चीयरलीडर होगा।
पेरिस ओलंपिक में विनेश का सफर इतिहास रचने के बेहद करीब पहुंचकर टूट गया था। वह फाइनल में पहुंच गई थीं और भारत की पहली महिला पहलवान बनने जा रही थीं जो ओलंपिक फाइनल में उतरती, लेकिन गोल्ड मेडल बाउट से ठीक पहले उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया और उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। यह भारतीय खेल इतिहास के सबसे दर्दनाक अध्यायों में से एक बन गया।
लंबे ब्रेक के दौरान विनेश ने अपने करियर, संघर्ष और भविष्य को लेकर आत्ममंथन किया। एक भावुक इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पेरिस के बाद कई लोग पूछते थे—क्या यह अंत है? “मैंने पहली बार खुद को सांस लेने दिया… अपनी यात्रा के भार को महसूस किया—उतार-चढ़ाव, त्याग, और वे हिस्से जो दुनिया कभी नहीं देख पाई। और इसी दौरान मुझे एहसास हुआ कि मैं अब भी इस खेल से प्यार करती हूँ, अब भी लड़ना चाहती हूँ। वह आग कभी बुझी ही नहीं, बस थकान और शोर में दब गई थी,” उन्होंने लिखा। उन्होंने आगे कहा कि वे LA28 की ओर पूरी हिम्मत और अटूट जज़्बे के साथ कदम बढ़ा रही हैं।
विनेश पिछले साल हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी उतरी थीं और उलाना सीट से 6,000 वोटों से जीत दर्ज की थी। अब वे उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो जाएँगी जो माँ बनने के बाद दोबारा अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में लौटे हैं। उनके पति सोमवीर राठी भी एक पहलवान हैं।
विनेश का ओलंपिक इतिहास काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। 2016 में रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में उन्हें गंभीर घुटने की चोट लगी थी, जिसके कारण वे प्रतियोगिता से बाहर हो गईं। 2021 टोक्यो ओलंपिक में वे अपनी वेट कैटेगरी में नंबर-1 रैंक्ड खिलाड़ी थीं लेकिन क्वार्टरफाइनल में चौंकाने वाली हार का सामना करना पड़ा।
पेरिस में भी शुरुआत बेहद शानदार रही—उन्होंने डिफेंडिंग ओलंपिक चैंपियन जापान की युई सुजुकी, पूर्व यूरोपीय चैंपियन यूक्रेन की ऑक्साना लीवाच और पैन-अमेरिकन चैंपियन युसनेलिस गुज़मान को हराते हुए फाइनल में प्रवेश किया। लेकिन फाइनल से ठीक पहले वजन नियम का उल्लंघन उनके करियर का सबसे बड़ा झटका बन गया।
भारतीय खेल जगत और वैश्विक कुश्ती समुदाय में इस घटना ने हड़कंप मचा दिया। वजन प्रबंधन और अंतिम मिनट की प्रक्रियाओं को लेकर बड़े सवाल उठे। विनेश ने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) में अपील दाखिल की लेकिन वह खारिज कर दी गई। इसके बाद उन्होंने मामला कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में ले जाया, जहाँ उन्होंने प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं का हवाला दिया, लेकिन CAS ने भी UWW के फैसले को बरकरार रखा।
पेरिस के बाद निराश विनेश ने भावनात्मक रूप से टूटकर संन्यास की घोषणा कर दी थी। इस घटना ने भारत में एथलीट सपोर्ट सिस्टम, वजन प्रबंधन नियमों और कुश्ती प्रशासन की जवाबदेही पर nationwide बहस छेड़ दी थी। मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को संभालने के लिए उन्होंने लंबे समय तक कुश्ती से दूरी बनाई।
लेकिन अब विनेश फोगाट की वापसी ने संकेत दे दिया है कि उनका संघर्ष, उनका जज़्बा और उनका ओलंपिक सपना अब भी जिंदा है—और LA 2028 की राह में वे पहले से ज्यादा मजबूत होकर उतरने वाली हैं।