पीटी उषा ने सरकार से स्वदेशी डोपिंगरोधी किट के उत्पादन को बढ़ावा देने का किया आह्वान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 12-12-2025
PT Usha calls on the government to promote the production of indigenous anti-doping kits
PT Usha calls on the government to promote the production of indigenous anti-doping kits

 

नयी दिल्ली

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य पीटी उषा ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत स्वदेशी डोपिंगरोधी परीक्षण किटों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए। उनका कहना है कि इससे न केवल लागत कम होगी बल्कि परीक्षण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी भी आएगी।

राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए उषा ने कहा कि वर्तमान में डोपिंग परीक्षण किटों के आयात पर निर्भरता परिणामों में देरी और विदेशी कंपनियों पर बढ़ती निर्भरता का कारण बनती है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में भारत में इन किटों की आपूर्ति मुख्य रूप से दो स्विस कंपनियां – बर्लिंगर और लॉककॉन – कर रही हैं।

उषा ने कहा, “मैं सदन का ध्यान इस मामले की ओर आकर्षित करना चाहती हूं जो हमारे खिलाड़ियों की गरिमा और देश की वैश्विक छवि से जुड़ा है। भारत को डोपिंग मुक्त खेल राष्ट्र बनाने के लिए स्वदेशी किटों का उत्पादन बेहद जरूरी है।”

उन्होंने यह भी बताया कि डोपिंग निष्पक्ष खेल, खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और विश्व मंच पर भारत की प्रतिष्ठा के लिए गंभीर खतरा है। वर्तमान में उच्च गुणवत्ता वाले डोपिंग परीक्षण किटों का अधिकांश हिस्सा विदेश से आयात किया जाता है, जिससे लागत बढ़ती है, परीक्षण में देरी होती है और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता बढ़ती है।

भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयारियां कर रहा है, और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने साफ कर दिया है कि इसके लिए देश को अपने डोपिंग रिकॉर्ड में सुधार करना होगा। फिलहाल भारत डोपिंग के मामलों में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है।

इससे पहले, खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में बताया था कि सरकार डोपिंगरोधी उपायों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री के अनुसार, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने अपनी परीक्षण क्षमता बढ़ाई है और इस वर्ष 7,751 डोप परीक्षण करने की योजना है, जो 2024 में किए गए 7,474 और 2023 में किए गए 5,794 परीक्षणों से अधिक हैं।

पीटी उषा ने कहा कि स्वदेशी किटों का उत्पादन अनुसंधान, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास को भी प्रोत्साहित करेगा। उनका मानना है कि इससे भारत आत्मनिर्भर बन सकता है और विश्व में डोपिंगरोधी उपकरणों का आपूर्तिकर्ता भी बन सकता है। इस तरह की पहल से लागत कम होगी, परीक्षण प्रक्रिया तेज होगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और खेल के सभी स्तरों में डोपिंग रोकने की प्रणाली मजबूत होगी।

मंत्रालय के एक सूत्र ने उषा के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि डोपिंगरोधी किट बेहद संवेदनशील होती हैं और इनमें मामूली टूट-फूट भी परिणामों पर असर डाल सकती है। उन्होंने कहा कि योजना बनाते समय इन सुझावों को ध्यान में रखना चाहिए, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि बाजार में केवल उच्च गुणवत्ता वाली किटें उपलब्ध हों।