बातुमी (जॉर्जिया)
स्टार महिला खिलाड़ी कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख शनिवार को होने वाले फिडे महिला विश्व कप फाइनल में एक-दूसरे के सामने होंगी जिससे पहली बार इस टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ी विजेता बनेगा।
इस प्रतियोगिता के इतिहास में यह पहली बार है जब दो भारतीय फाइनल में आमने-सामने होंगी।
हम्पी और देशमुख दोनों ने यहां फाइनल में पहुंचकर अगले साल होने वाले महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
बड़े मुकाबलों में खेलने के अपने अनुभव के आधार पर हम्पी फाइनल में हमवतन देशमुख के खिलाफ प्रबल दावेदार के रूप में उतरेंगी।
हम्पी ने बृहस्पतिवार को सेमीफाइनल में चीन की टिंगजी लेई को टाईब्रेकर में हराकर जीत हासिल की जबकि देशमुख ने अंतिम-चार चरण के दूसरे गेम में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की ही झोंगयी टैन को हराया।
अड़तीस वर्षीय ग्रैंडमास्टर हम्पी विश्व महिला रैपिड टूर्नामेंट की विजेता थीं और हाल में महिला ग्रां प्री में भी संयुक्त रूप से प्रथम स्थान पर रहीं। उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। पिछले कई वर्षों में उनका जज्बा और दृढ़ संकल्प जरा भी कम नहीं हुआ है।
हम्पी ने फिडे वेबसाइट से कहा, ‘‘शतरंज प्रेमियों के लिए यह सबसे खुशी के पलों में से एक है क्योंकि अब खिताब निश्चित रूप से भारत के पास जाएगा। लेकिन निश्चित रूप से एक खिलाड़ी के रूप में कल का मैच भी काफी कठिन होगा। दिव्या ने इस पूरे टूर्नामेंट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। ’’
हम्पी से आधी उम्र की अंतरराष्ट्रीय मास्टर देशमुख इस प्रतियोगिता में शीर्ष 10 में शामिल तीन खिलाड़ियों को हराकर उलटफेर कर चुकी हैं। उनका पहला शिकार चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त जिनर झू थीं जिन्होंने डी हरिका को बाहर कर दिया था।
नागपुर की 19 वर्षीय देशमुख ने सेमीफाइनल में चीन की पूर्व महिला विश्व चैंपियन झोंगयी टैन को हराया।
उन्होंने फाइनल में पहुंचने के बाद कहा, ‘‘मुझे बस थोड़ी नींद और थोड़ा खाना चाहिए। इन दिनों मैं काफी चिंतित हूं। ’’
देशमुख ने अपनी सेमीफाइनल बाजी के बारे में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं और बेहतर खेल सकती थी। एक समय मैं जीत रही थी और फिर चीजें मुश्किल हो गई। मुझे लगता है कि मैंने बीच में गलती कर दी, वर्ना मुझे और भी आसान जीत मिल सकती थी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लग रहा था कि यह ड्रॉ रहेगा। पर अंत में मैं भाग्यशाली रही। ’’
हम्पी को प्री-क्वार्टर फाइनल में पूर्व विश्व चैंपियन स्विट्जरलैंड की एलेक्जेंड्रा कोस्टेनियुक ने टाईब्रेकर तक खींचा और इसके बाद उन्होंने युक्सिन सोंग के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया।
उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सेमीफाइनल में किया जिसमें उन्होंने चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त टिंगजेई लेई को पांच मिनट में हरा दिया जब दोनों खिलाड़ी 3-3 की बराबरी पर थीं।
शनिवार का फाइनल भी दो क्लासिकल गेम में खेला जाएगा और अगर परिणाम 1-1 से बराबर रहता है तो विजेता का फैसला करने के लिए कम समय के गेम खेले जाएंगे।
टूर्नामेंट के विजेता को 50,000 अमेरिकी डॉलर और दूसरे स्थान पर रहने वाले को 35,000 अमेरिकी डॉलर मिलेंगे।
दोनों भारतीयों ने अगले महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया है। आठ खिलाड़ियों के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट से अगले विश्व महिला चैंपियनशिप मैच में मौजूदा विश्व चैंपियन चीन की वेनजुन जू के प्रतिद्वंदी का फैसला होगा।