ज़्यूरिख
फीफा ने सोमवार को मलेशियाई फुटबॉल संघ (FAM) और सात विदेशी खिलाड़ियों की उस अपील को खारिज कर दिया, जिन पर राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने के लिए फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करने का आरोप साबित हुआ था।
इस फैसले की उम्मीद पहले से की जा रही थी, लेकिन अब मलेशियाई अधिकारी इस मामले को खेल की सर्वोच्च अदालत — कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) — में ले जा सकते हैं।
फीफा ने अपने बयान में कहा कि अपील समिति ने संघ पर 3.5 लाख स्विस फ़्रैंक (लगभग 4.33 लाख अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना और सातों खिलाड़ियों पर एक साल का प्रतिबंध बरकरार रखा है।
इन खिलाड़ियों का संबंध अर्जेंटीना, ब्राज़ील, नीदरलैंड और स्पेन से था। उन्हें मलेशिया की नागरिकता दिलाई गई थी ताकि वे राष्ट्रीय टीम के लिए खेल सकें। उन्होंने जून में वियतनाम के खिलाफ खेले गए 2027 एशियन कप क्वालिफायर में हिस्सा लिया था, जिसमें मलेशिया ने 4-0 से जीत दर्ज की थी।
फीफा ने बताया कि मलेशियाई संघ के पास अब इस फैसले के खिलाफ एक महीने का समय है कि वह CAS में अपील दायर करे।
यह मामला अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में फर्जी रजिस्ट्रेशन से जुड़े उन कई मामलों की कड़ी है, जिनमें अक्सर ब्राज़ील जैसे देशों के खिलाड़ी शामिल पाए जाते हैं।
संघ के अधिकारियों ने दावा किया था कि सभी सात खिलाड़ियों के दादा-दादी मलेशिया में जन्मे थे, जिससे वे फीफा के नियमों के तहत पात्र बनते हैं। लेकिन फीफा की जांच में पाया गया कि खिलाड़ियों के मूल देशों से मिले “मूल दस्तावेज़ों” में इसके विपरीत जानकारी थी।
मलेशियाई फुटबॉल संघ ने अपने महासचिव नूर अजमान रहमान को निलंबित कर दिया है और कहा है कि वह आंतरिक जांच भी कर रहा है।यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब संघ के पूर्व अध्यक्ष हामिदिन बिन हाजी मोहम्मद अमीन फीफा की 37-सदस्यीय काउंसिल के सदस्य हैं, जिससे यह मामला मलेशियाई फुटबॉल के लिए और भी बड़ी शर्मिंदगी का कारण बन गया है।

                                        



                                
                                    
                                    
                                    
                                    
                                
                                
                                
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