पेरिस
बैडमिंटन विश्व महासंघ (BWF) ने सोमवार को घोषणा की कि अगली बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप का आयोजन अगस्त 2026 में भारत की राजधानी नई दिल्ली में किया जाएगा। यह दूसरी बार होगा जब भारत इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा। इससे पहले, 2009 में हैदराबाद ने इस आयोजन की मेजबानी की थी।
इसकी घोषणा पेरिस में चल रही 2025 विश्व चैंपियनशिप के समापन समारोह के दौरान की गई। इस मौके पर BWF अध्यक्ष खुनयिंग पटामा लीस्वदत्रकुल, फ्रांस बैडमिंटन महासंघ के प्रमुख फ्रैंक लॉरेंट और भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) के महासचिव संजय मिश्रा के बीच आयोजन स्थल का औपचारिक हस्तांतरण हुआ।
संजय मिश्रा ने कहा, "हम वादा करते हैं कि भारत भी पेरिस की तरह उत्कृष्टता और भव्यता के उसी स्तर को बनाए रखेगा और उसे आगे बढ़ाएगा। हम वैश्विक बैडमिंटन परिवार का दिल्ली में स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं।"
दिल्ली को मेजबान बनने से यह टूर्नामेंट आठ वर्षों के अंतराल के बाद एशिया लौटेगा। इससे पहले 2018 में चीन के नानजिंग में इसका आयोजन हुआ था।
BAI की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, "भारत के लिए दोबारा इस चैंपियनशिप की मेजबानी करना, देश की बैडमिंटन में बढ़ती ताकत और उसे वैश्विक बैडमिंटन मानचित्र पर एक अहम स्थान दिलाने का प्रमाण है।"
भारत बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में लगातार सफलता हासिल करने वाले देशों में से एक है। 1983 से अब तक भारत ने इस टूर्नामेंट में कुल 15 पदक जीते हैं और 2011 के बाद से हर संस्करण में कम से कम एक पदक अपने नाम किया है।
भारत के लिए पहला पदक प्रकाश पादुकोण ने 1983 में कोपेनहेगन में कांस्य पदक जीतकर हासिल किया।
इसके बाद ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने 2011 में महिला युगल में कांस्य जीतकर लंबे समय से चले आ रहे पदक सूखे को समाप्त किया।
पीवी सिंधू इस चैंपियनशिप में भारत की सबसे सफल खिलाड़ी हैं। उन्होंने अब तक 5 पदक जीते हैं – 1 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य।
साइना नेहवाल ने भी इस मंच पर 2 पदक (2015 में रजत और 2017 में कांस्य) हासिल किए।
हाल के वर्षों में भारतीय पुरुष खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है:
किदांबी श्रीकांत (रजत, 2021)
बी. साई प्रणीत (कांस्य, 2019)
लक्ष्य सेन (कांस्य, 2021)
एच.एस. प्रणय (कांस्य, 2023)
पेरिस में 2025 चैंपियनशिप के दौरान सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने कांस्य पदक जीता, जो इस टूर्नामेंट में उनका दूसरा पदक था।
नई दिल्ली में होने वाला 2026 का संस्करण भारतीय बैडमिंटन के लिए एक सुनहरा अवसर होगा, न केवल मेजबानी में बल्कि प्रदर्शन के स्तर पर भी।